देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन विपक्ष के रवैये और सदन में हंगामे को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को गहरी नाराजगी व्यक्त की। सीएम धामी ने कहा कि विधानसभा का सत्र राज्य के लिए महत्वपूर्ण होता है और विपक्ष को इस प्रकार के हंगामे से बचना चाहिए। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सदन में हंगामा करके विपक्ष सिर्फ समय और धन की बर्बादी कर रहा है। विधानसभा की कार्यवाही का राज्य की जनता पर गहरा असर पड़ता है, खासकर जब सदन में महिला विधायक और मातृ शक्ति की उपस्थिति हो। एक ओर विपक्ष सदन की कार्यवाही का समय बढ़ाने की बात करता है, जबकि दूसरी ओर सदन के भीतर हंगामा करता है।
यह आचरण ठीक नहीं है और उत्तराखंड की संस्कृति के अनुरूप नहीं है। ऐसी स्थिति में सदन की कार्यवाही की गंभीरता पर सवाल उठते हैं, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए उचित नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण के साथ ही बजट सत्र शुरू हो गया है। उनका भाषण हमारी सरकार का रोडमैप है। इस वर्ष उत्तराखंड का 25वां स्थापना दिवस है। विकास यात्रा को निर्बाध रूप से जारी रखने के लिए इस बजट में प्रावधान किए जाएंगे।
विपक्ष का रवैया बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। विधानसभा एक गरिमामय संस्था है और इसके सुचारू संचालन के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही जिम्मेदार हैं। ऐसा व्यवहार हमारी संस्कृति का हिस्सा नहीं है और इसे किसी भी हालत में उचित नहीं ठहराया जा सकता। उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र 18 फरवरी से 20 फरवरी तक चलेगा। इस सत्र की शुरुआत राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) के अभिभाषण से हुई, लेकिन सत्र की शुरुआत से ही कांग्रेस विधायकों ने विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। कांग्रेस के तमाम विधायकों ने राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान नारेबाजी की और सत्र की अवधि को लेकर सरकार के खिलाफ विरोध जताया। कांग्रेस विधायकों ने सत्र अवधि बढ़ाने के लिए नारेबाजी शुरू कर दी और वेल में आ गए।