Saturday, February 22, 2025

उत्तर प्रदेश में नहीं बढ़ेगा कोल्ड स्टोरेज का किराया, भाकियू और एसोसिएशन में बनी सहमति

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के किसानों के हित में बड़ी राहत देते हुए, राज्य में आलू भंडारण हेतु कोल्ड स्टोरेज किराए में बढ़ोतरी नहीं की जाएगी। यह निर्णय भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) और उत्तर प्रदेश कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन के बीच समझौते के बाद लिया गया।

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उद्यान निदेशालय, लखनऊ में आयोजित इस बैठक में उद्यान निदेशक वी.बी. द्विवेदी, संयुक्त निदेशक संजीव, कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन के अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल, भाकियू अराजनैतिक के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक, प्रदेश अध्यक्ष हरिनाम सिंह वर्मा समेत कई किसान नेता उपस्थित रहे।

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बैठक में कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन ने बिजली और मजदूरी की बढ़ी लागत का हवाला देते हुए किराया बढ़ाने की मांग की थी। हालांकि, किसानों के भारी विरोध और उद्यान निदेशक के हस्तक्षेप के बाद किराए में कोई बढ़ोतरी न करने पर सहमति बनी।

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भाकियू अराजनैतिक के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह फैसला किसानों के लिए राहत भरा है। उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश में मटर, टमाटर और गाजर के किसान भारी नुकसान झेल रहे हैं। तीनों फसलों के दाम 1-2 रुपये प्रति किलो तक गिर गए हैं। ऐसे में सरकार को अविलंब बाजार हस्तक्षेप योजना लागू करनी चाहिए।”

बैठक में भाकियू अराजनैतिक ने उद्यान निदेशालय को किसानों की समस्याओं के समाधान हेतु नौ प्रमुख सुझाव सौंपे:

  1. कोल्ड स्टोरेज किराए में वृद्धि न हो – चूंकि बिजली और मजदूरी की दरों में कोई वृद्धि नहीं हुई, इसलिए किराए में इजाफा अनुचित है।
  2. शीतगृह में सुख (वजन कटौती) पर रोक – यदि शीतगृह का संचालन सही तरीके से हो तो वजन घटने की समस्या नहीं आती।
  3. सरकारी सहायता प्राप्त कोल्ड स्टोरेज में 50% किराया छूट – किसानों को राहत देने हेतु यह छूट लागू हो।
  4. बेहतर बागवानी के लिए मुफ्त पौध उपलब्ध कराई जाए – किसानों को बेहतर गुणवत्ता वाली पौध मुफ्त मिले।
  5. आम के रोग नियंत्रण और जागरूकता कार्यक्रम – किसानों को प्रशिक्षण, मेले और कार्यशालाओं का आयोजन किया जाए।
  6. मटर उत्पादक जिलों में फ्रोजन प्लांट की स्थापना – इससे किसानों को उचित मूल्य मिल सकेगा।
  7. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आम निर्यात को बढ़ावा देने हेतु पैक हाउस – निर्यात प्रोत्साहन योजनाएं लागू हों।
  8. ब्लॉक स्तर पर कोल्ड चैन यूनिट की स्थापना – आलू और टमाटर उत्पादक क्षेत्रों में यह सुविधा हो।
  9. दिल्ली तक फल-सब्जी सुरक्षित पहुंचाने के लिए 1000 मोबाइल कूलिंग वैन – जिससे कटाई के बाद फसलों की बर्बादी रुके।

उद्यान निदेशक ने किसानों की मांगों को लेकर भारत सरकार को पत्र भेजने का आश्वासन दिया। भाकियू अराजनैतिक ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने किसानों की मांगों को अनसुना किया, तो बड़ा आंदोलन होगा।

यह समझौता उत्तर प्रदेश के लाखों किसानों के लिए राहत की खबर है, क्योंकि किराए में बढ़ोतरी से किसानों पर अतिरिक्त बोझ पड़ता। अब वे कम लागत में आलू भंडारण कर सकेंगे और अन्य फसलों को लेकर भी सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग जारी रखेंगे।

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