चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा में शुक्रवार को शुरू हुए बजट सत्र की पहली बैठक हंगामे की भेंट चढ़ गई। कांग्रेस ने राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान नारेबाजी की, जिसके चलते राज्यपाल अभिभाषण नहीं पढ़ पाए। पंजाब विधानसभा में बजट सत्र की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू हुई।
कार्यवाही शुरू के बाद जैसे ही राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित अभिभाषण के लिए मंच पर आए तो कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडि़ंग तथा नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने खनौरी में मारे गए किसान के मामले में दर्ज एफआईआर का मुद्दा उठाया।
कांग्रेस का आरोप था कि पुलिस ने एक सप्ताह बाद जीरो एफआईआर दर्ज की है। इस मामले में हरियाणा पुलिस को आरोपित नहीं बनाया गया। राज्यपाल ने कांग्रेसियों को काफी समझाने की कोशिश की लेकिन वह नहीं माने। इसके बाद राज्यपाल ने अपने भाषण की पहली और आखिरी लाइन पढ़ी और विधानसभा से चले गए।
इस बीच कांग्रेस विधायकों ने कहा कि पंजाब के सीएम भगवंत मान राज्य की सीमा में भी किसानों की सुरक्षा नहीं कर सके। किसान शुभकरण की मौत पर पुलिस को अज्ञात बनाकर एफआईआर दर्ज की गई। हरियाणा के गृह मंत्री पर केस दर्ज क्यों नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि किसान शुभकरण सिंह का पोस्टमॉर्टम रात के अंधेरे में किया गया। यह कानून का उल्लंघन है। राज्यपाल के अभिभाषण के बाद सदन की कार्यवाही को दो बजे तक स्थगित कर दिया गया है।
सदन के बाहर पत्रकारों से बातचीत में कांग्रेस विधायक दल नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि सीएम भगवंत मान पंजाब की सीमा को भी सुरक्षा नहीं दे सके। उन्होंने कहा कि किसान शुभकरण की मौत पर दर्ज एफआईआर में पुलिस कैसे अज्ञात हो सकती है।
भाजपा विधायक अश्वनी शर्मा ने कहा कि कांग्रेस को अपना इतिहास देखना चाहिए। जब उनकी सरकार थी तो उन्होंने किसानों के लिए क्या किया। मोदी सरकार ने कितना काम किया, इस पर ही बहस होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर हरियाणा 14 फसलों पर एमएसपी दे सकता है तो पंजाब क्यों नहीं देता।