नई दिल्ली-। लोकसभा स्पीकर पद पर चयन को लेकर सरकार और विपक्षी दलों के बीच सहमति नहीं बन पाई। सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन ने वर्तमान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को फिर से अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों ने के. सुरेश को लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए अपना उम्मीदवार बनाया है। दोनों नेताओं का अध्यक्ष पद के लिए प्रस्ताव दाखिल हो चुका है। ऐसे में यह तय माना जा रहा है इस बार लोकसभा में अध्यक्ष पद के लिए बुधवार को वोटिंग होने जा रही है। हालांकि सदन में संख्या बल की बात करें तो एनडीए गठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर ओम बिरला का आसानी से चुनाव जीतना तय माना जा रहा है। नई सरकार के गठन के बाद लोकसभा में सरकार और विपक्ष के बीच यह पहला शक्ति प्रदर्शन होने जा रहा है। इससे पहले, मंगलवार को तेजी से चले राजनीतिक घटनाक्रम में सत्तारूढ़ भाजपा ने सहयोगी दलों के साथ विचार-विमर्श के बाद लोकसभा के नए अध्यक्ष के उम्मीदवार के तौर पर ओम बिरला का नाम फाइनल कर दिया। मंगलवार को ही लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले ओम बिरला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। संसद भवन स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय में यह मुलाकात हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यालय में ओम बिरला, अमित शाह और जेपी नड्डा के साथ उच्चस्तरीय बैठक भी की। लोकसभा के नए अध्यक्ष के उम्मीदवार के नामांकन पत्र को भरने की औपचारिक प्रक्रिया के लिए संसद भवन स्थित राजनाथ सिंह के कार्यकाल में एनडीए नेताओं राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, चिराग पासवान, एचडी कुमारस्वामी, जीतन राम मांझी, अनुप्रिया पटेल और अन्य कई सहयोगी दलों के नेताओं की बैठक हुई। सरकार की तरफ से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने स्पीकर के पद पर सर्वसम्मति बनाने के लिए विपक्षी दलों से बातचीत की। विपक्षी दलों की तरफ से कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल और डीएमके के वरिष्ठ नेता टीआर बालू ने भी राजनाथ सिंह से मुलाकात की। लेकिन राजनाथ सिंह से मुलाकात के बाद बाहर निकले कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि सरकार डिप्टी स्पीकर पद के लिए बाद में विचार करने की बात कह रही है जबकि वह स्पीकर पद के नामांकन फार्म पर अभी हस्ताक्षर करने को कह रही है। विपक्ष को यह मंजूर नहीं है और वे लोकसभा स्पीकर के लिए अपना उम्मीदवार उतारेंगे। विपक्ष डिप्टी स्पीकर के पद की मांग पर अड़ा हुआ है, लेकिन सरकार की तरफ से यह कहा गया कि उसने विपक्ष को यह प्रस्ताव दिया था कि स्पीकर का चुनाव सर्वसम्मति से हो जाए और जब भी डिप्टी स्पीकर के पद का मामला सामने आएगा, सरकार उनसे बातचीत करेगी। लेकिन विपक्षी दलों ने इसे ठुकरा दिया।