प्रयागराज। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने रविवार को कहा कि देश एवं प्रदेश में जहां भी विपक्ष की भूमिका कमजोर पड़ती है, सत्ता पक्ष मनमानी करने का रवैया अपनाती है।
किसान नेता ने कहा कि जहां भी विपक्ष कमजोर पड़ता है सत्ता पक्ष अपना हनक दिखाता है। विपक्ष की मजबूती ही सत्ता पक्ष को मनमानी करने से रोकती है। उन्होंने कहा कि केन्द्र हो या प्रदेश, बिहार अथवा पश्चिम बंगाल जहां भी विपक्ष कमजोर पडता नजर आता है वहां सरकारें तानाशाही रूख अपनाती हैं। विपक्ष जहां भी है वह सरकार की कमियों के खिलाफ मजबूती नहीं दिखा पा रही हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार किसान विरोधी है। किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज किया जाता है, उनकी सुनवाई कहीं नहीं होती। अधिकारी भी किसानों की समस्याओं को तवज्जो नहीं देते। किसान नेता ने किसानों समेत कई सामाजिक समस्याओं पर अपनी राय पेश करते हुए कहा कि किसानों की जमीनों की पैमाइश में हेराफेरी और उनके जमीनों को अधिग्रहण करने का कुचक्र चल रहा है।
उन्होंने कहा कि तहसील में जमीन को एक दूसरे के नाम चढ़ाकर भाई से भाई को, किसान को आपस में लड़ा दिया जा रहा है। तहसील में पैमाइश के लिए किसान को तहसील के चक्कर लगाने पड़ते हैं। किसानों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। यदि किसी व्यापारी के पैमाइश की बात होगी तत्काल उसकी पैमाइश होगी लेकिन एक किसान को इधर उधर भटकना पडता है।
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टिकैत प्रयागराज के रास्ते फतेहपुर में हुई तीन हत्याओं के बाद पीड़ित परिवार से मिलने जाने के दौरान कुछ समय उनका काफिला यहां ठहरा था। उसी दौरान उन्होंने मीडिया से कहा कि मंगलवार को फतेहपुर के हथिगवां थाना क्षेत्र के अखरी गांव में भारतीय किसान यूनियन के जिला उपाध्यक्ष समेत एक ही परिवार के तीन लोगों की हत्या, प्रयागराज में युवक की हत्या कर शव जलाने का मामला खेदजनक है। प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। अपराध लगातार हो रहे हैं। दिखावे के लिए कानून व्यवस्था सुदृढ़ होने का राग अलापा जा रहा है।
सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार टिकैत अपने समर्थकों के साथ फतेहपुर के अखरी गांव में पहुंचकर पीड़ित परिवार से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी। उन्होंने कहा कि भारतीय किसान यूनियन पीड़ित परिवार के साथ सदैव खड़ी रहेगी। उन्होंने प्रशासन को आगाह किया कि 17 अप्रैल तक मृतक परिजनों की मांग पूरी नहीं हुई तब 18 अप्रैल से पूरे प्रदेश में चक्का जाम किया जाएगा। इस आंदोलन की लड़ाई भारतीय किसान यूनियन के लोग लडेंगे। उन्होंने सरकार से मुआवजे की मांग के साथ पीड़ित परिवार की सुरक्षा की भी मांग किया। उन्होंने कहा कि ऐसी जघन्य हत्या करने वाले अपराधियों को सरकार कड़ी से कड़ी कार्रवाई करे।
उन्होंने कहा कि कि इस सरकार में लोगों को जिंदा जलाना, सरेआम लोगों की हत्या करना और किसानों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के खिलाफ एक बड़े आंदोलन की जरूरत है जिसे लेकर आठ मई को किसान आंदोलन की शुरूआत प्रयागराज से की जाएगी।
किसान नेता ने कहा कि किसान संगठन हिंदू मुस्लिम, वक्फ बोर्ड जैसे शब्दों को ब्लैक लिस्ट में डाल दिए हैं। उन्होंने कहा कि जैसे पहले व्यवस्था चल रही थी उसी पर काम करना चाहिए।