नई दिल्ली। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली जल बोर्ड टेंडर में गड़बड़ियों से जुड़े मामले में गिरफ्तार दो आरोपितों को चार दिनों की ईडी हिरासत में भेज दिया है। ईडी ने दोनों को कोर्ट में पेश किया था, जिसके बाद उन्हें ईडी की हिरासत में भेजने का आदेश दिया गया।
कोर्ट ने रिटायर्ड चीफ इंजीनियर जगदीश अरोड़ा और ठेकेदार अनिल अग्रवाल को ईडी की हिरासत में भेजने का आदेश दिया था। दोनों आरोपितों को ईडी ने 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था। दोनों को पेश करने के बाद ईडी ने सात दिनों की हिरासत की मांग की थी। ईडी की ओर से पेश वकील मनीष जैन और ईशान बैंसला ने कहा कि जांच के दौरान मिले डिजिटल डाटा के संबंध में दोनों से पूछताछ करनी है। ईडी ने कोर्ट से कहा कि इस मामले में कुछ दूसरे लोगों को भी समन जारी किया गया है। दोनों आरोपितों को दूसरे लोगों के आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करनी है।
ईडी के मुताबिक दोनों आरोपितों ने 18 सितंबर 2018 को दिल्ली जल बोर्ड के इलेक्ट्रोमैग्नेट फ्लो मीटर के लिए मेसर्स एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को उसके पांच साल के ऑपरेशन के लिए ठेका जारी किया था। ये ठेका सप्लाई, इंस्टालेशन, टेस्टिंग और कमिशनिंग (एसआईटीसी) के काम के लिए था। ये ठेका 38 करोड़ से ज्यादा का था। ईडी के मुताबिक जिस कंपनी को ये ठेका दिया गया वो तकनीकी मानदंडों को पूरा नहीं करती।
इस ठेके के बदले आरोपियों ने एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड और मेसर्स इंटीग्रल स्क्रूज इंडस्टरीज से तीन करोड़ रुपये लिए थे। एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने अपना ठेका मेसर्स इंटीग्रल स्क्रूज लिमिटेड को दे दिया था। अनिल अग्रवाल इंटीग्रल स्क्रूज लिमिटेड का प्रोपराइटरशिप फर्म है।