प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अलीगढ़ के हरदुआगंज थाने में दर्ज धोखाधड़ी के मामले में याची की अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज करते हुए अहम टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि अदालतें कोई शॉपिंग फोरम नहीं हैं, जो एक ही मामले में बार-बार याचिकाएं दाखिल की जाएं।
कोर्ट ने कहा कि इसे रोका जाना जरूरी है क्योंकि कोई भी एक ही मामले से सम्बंधित कार्यवाही से बचने के लिए भ्रामक बयान देकर, भौतिक तथ्यों को दबाकर विभिन्न न्यायिक मंचों पर असंगत आदेशों की मांग नहीं कर सकता है। पार्टियों को विवाद वस्तु के किसी भी हिस्से से सम्बंधित अतीत या वर्तमान सभी कानूनी कार्यवाहियों और मुकदमों का विवरण का खुलासा करना होगा। यह टिप्पणी न्यायमूर्ति कृष्ण पहल ने अलीगढ़ के बंटी शर्मा उर्फ ब्रह्म प्रकाश शर्मा की अग्रिम जमानत पर सुनवाई करते हुए की।
कोर्ट ने कहा कि याची ने एक ही मामले में आरोप पत्र दाखिल होने और न्यायिक मजिस्ट्रेट के संज्ञान लेने के बाद इस अदालत के समक्ष तीन बार दंड प्रक्रिया संहिता के तहत याचिकाएं दाखिल की। उसे राहत नहीं मिली। उसे नियमित जमानत लेने का निर्देश दिया गया। उसने नियमित जमानत की अर्जी निचली अदालत में फाइल की। नियमित जमानत पर सुनवाई नहीं हो सकी तो उसने अग्रिम जमानत अर्जी फाइल कर दी। निचली अदालत ने उसे खारिज कर दिया। इसके बाद वह हाईकोर्ट आया है। कोर्ट ने कहा कि यह न्यायिक प्रक्रिया का शुद्ध दुरुपयोग है। इसे रोका जाना चाहिए।