मुजफ्फरनगर। कक्षा में मुस्लिम बच्चे को अन्य बच्चों से थप्पड़ लगवाने और सांप्रदायिक टिप्पणी करने वाली टीचर तृप्ति त्यागी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। अग्रिम जमानत याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। न्यायमूर्ति दीपक वर्मा की अदालत ने टीचर को आदेश दिया है कि वह दो सप्ताह के भीतर संबंधित अदालत के सामने आत्मसमर्पण करें और नियमित जमानत के लिए याचिका दायर करें।
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यह मामला अगस्त 2023 में खुब्बापुर गांव के एक स्कूल से जुड़ा है, जहां दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले एक मुस्लिम छात्र को टीचर तृप्ति त्यागी ने अन्य बच्चों से थप्पड़ मरवाने का निर्देश दिया था। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद देशभर में आक्रोश फैल गया था। वीडियो में टीचर की सांप्रदायिक टिप्पणी भी स्पष्ट सुनी गई थी।
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पुलिस ने मामले में तृप्ति त्यागी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 323, 504 और 295ए के तहत मुकदमा दर्ज किया था । इसके अलावा, किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 के तहत भी आरोप लगाए गए थे ।
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इससे पहले, निचली अदालत ने 16 अक्टूबर को आरोपी टीचर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। अब हाईकोर्ट ने भी इस फैसले को बरकरार रखा है। हालांकि, अदालत ने आदेश दिया है कि आत्मसमर्पण की अवधि तक टीचर के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।
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इस घटना के गंभीर प्रभाव को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भी इसका संज्ञान लिया था। 10 नवंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को पीड़ित बच्चे की काउंसलिंग कराने और उसे दूसरे स्कूल में दाखिला दिलाने का निर्देश दिया था। प्रदेश सरकार द्वारा इस निर्देश का पालन न करने पर सुप्रीम कोर्ट ने फटकार भी लगाई थी।
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पीड़ित पक्ष के वकील कामरान जैदी ने बताया कि उच्च न्यायालय का यह निर्णय न्याय की दिशा में एक अहम कदम है। उन्होंने कहा कि टीचर के खिलाफ लगाए गए आरोप बेहद गंभीर हैं और निचली अदालत और हाईकोर्ट दोनों ने जमानत याचिका खारिज कर सही फैसला लिया है।