मेरठ। मेरठ में गायों को जहर देकर मारने और फिर उनको जमीन में दबाने पर ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया। जनपद के परतापुर क्षेत्र में गगोल गांव के खेतों में आवारा घूम रही छह गायों को जहर देकर मार दिया और जमीन में दबवा दिया। आरोप है कि अज्ञात ग्रामीणों ने घटना को अंजाम दिया। घटना की सूचना गांव में आग की तरह फैल गई।
ग्रामीणों ने रोष प्रकट किया तो स्वास्थ्य विभाग की अधिकारी डॉ. प्रियंका शर्मा ने अवशेषों को निकलवाकर पोस्टमार्टम कराया। उनका कहना है कि जहरीला पदार्थ के सेवन से गायों की मौत हुई, बिसरा सुरक्षित रखा गया है।
परतापुर थाना क्षेत्र में सड़कों पर आवारा पशुओं का बोलबाला है, जो खेतों में जाकर फसलों को नुकसान पहुंचाती हैं। कई बार भाकियू नेताओं ने आवारा पशुओं को लेकर आवाज उठाई थी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो सकी।
बीती रात छह गाय अचानक मर गई। ग्रामीणों का कहना है कि गायों को जहर देकर मारा गया और जमीन में दबा दिया। बताया गया कि पूर्व प्रधान महेंद्र गुर्जर की चार गाय और दो बछिया मरी हैं। जिनको नरेश के मकान के पीछे दबा दिया गया।
ग्रामीणों को इस बात का पता चला तो ग्रामीण एकत्र हो गए और इस घटना पर रोष प्रकट करने लगे। वर्तमान प्रधान राजपाल वाल्मिकी भी मौके पर पहुंचे और उंहोने घटना की जानकारी पुलिस को दी। जिस पर पुलिस ने पशुचिकित्साधिकारी को मौके पर बुलाकर गोवंशों का पोस्टमार्टम कराया।
पशु चिकित्साधिकारी डॉ. प्रियंका शर्मा ने बताया कि पूर्व प्रधान महेंद्र सिंह गुर्जर ने कई माह पहले घर में एक काले कोबरे को मार डाला था। तब से एक काली नागिन उनके घर के आसपास घूमती रहती थी। फिलहाल नागिन से बचाव के लिए पूर्व प्रधान ने अपने चारे के खेत में फोरेट व गैमक्सीन डाल दी थी। जिससे नागिन भाग जाए। तीन दिन पहले पूर्व प्रधान ने खेत का चारा अपने पशुओं को खिलाया, जिससे गायों की मौत हो गई। ग्रामीणों से इस बाबत बात की गई तो ग्रामीणों का कहना है कि पशुचिक्तिसक की बात गले नहीं उतर रही। निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।