मेरठ। कस्बा लावड़ के चिंदौड़ी गांव में लगभग तीन दशक बाद चकबंदी शुरू हुई है। लगातार कुछ लोग चकबंदी का विरोध कर प्रधान पर गलत आरोप लगाने में जुटे हैं। एक युवक ने कुछ महिलाओं को उकसा कर प्रधान के घर पर कूड़ा फिकवा दिया। विरोध पर महिलाओं ने प्रधान की मां से हाथापाई की। हंगामे की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और महिलाओं को शांत कराया। पुलिस ने दोनों पक्षों को थाने में बुलाया। शाम तक दोनों पक्षों में वार्ता चल रही थी।
चिंदौड़ी गांव में तीन दशक से चकबंदी नहीं हुई थी। जिस, कारण किसानों के खेत इधर-उधर बिखरे हुए थे। उत्पादन पर भी इसका असर पड़ रहा था। कई बार किसानों ने चकबंदी कराए जाने को लेकर अधिकारियों को प्रार्थना पत्र सौंपा। इस मामले में हाईकोर्ट ने 1996 व 2006 में चकबंदी कराने के निर्देश दिए थे। चकबंदी की लगातार मांग उठने पर प्रधान संदीप ने केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान से मिलकर गांव में चकबंदी का कार्य शुरू कराया। लेकिन शुरू से ही कुछ लोग चकबंदी के विरोध में आ गए। यह लोग छोटे किसानों को उकसाकर प्रधान पर लगातार दबाव बनाने में लगे हैं।
अमित जाखड़ नाम के युवक ने दलित महिलाओं को उकसा दिया। महिलाएं प्रधान के घर पहुंची और बोली कि चकबंदी होने से खत्तों की जमीन खत्म हो गई। अब उनका कूड़ा कहां डाला जाएगा। महिलाओं ने अपने साथ लाए कूड़े को प्रधान के घर पर फेंक दिया और हंगामा करने लगी। प्रधान की मां प्रेमबाला ने विरोध किया तो महिलाओं ने उनके साथ हाथापाई की। सूचना पर चौकी प्रभारी रविंद्र मलिक पुलिस बल के साथ पहुंचे और हंगामा कर रही महिलाओं को शांत किया। पुलिस ने प्रधान संदीप व अमित और उसके पक्ष के लोगों को चौकी बुलाया।