एटा। उत्तर प्रदेश के एटा जिले में अपनी जमीन पर पेड़ काटने का विरोध करने पर ऊंची जाति के लोगों ने 32 वर्षीय दलित व्यक्ति का प्राइवेट पार्ट काट दिए। पीड़ित सतेंद्र कुमार ने कहा कि उसकी चार महीने की गर्भवती पत्नी को भी कुल्हाड़ी से मारा गया और बुरी तरह पीटा गया।
घटना के दो दिन बाद 16 जून को दो आरोपियों विक्रम सिंह ठाकुर और भूरे ठाकुर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
कोतवाली देहात के एसएचओ शंभूनाथ सिंह ने कहा, दो आरोपी फरार हैं और उन्हें पकड़ने के प्रयास जारी हैं।
पीड़ित ने कहा, 14 जून को ऊंची जाति के लोग मेरी जमीन पर एक पेड़ काट रहे थे। जब मैंने आपत्ति की, तो उन्होंने मुझे गालियां दीं और जातिसूचक शब्द कहे। फिर विक्रम और भूरे ने मुझे पकड़ लिया और बुरी तरह पिटाई की। विक्रम ने चाकू निकाला और मेरे प्राइवेट पार्ट को काटने की कोशिश की, घाव पर डॉक्टरों को 12 टांके लगाने पड़े।
कुमार ने कहा, मदद के लिए मेरी चीख सुनकर, मेरी चार महीने की गर्भवती पत्नी दौड़ी आई। भूरे ने उस पर कुल्हाड़ी से हमला किया, जिससे उसकी बाईं कलाई में चोट लग गई। जब हमने उनसे बचने की कोशिश की तो आरोपी ने हमारा पीछा किया। वे मेरे घर में घुस आए और मेरी पत्नी को बेरहमी से पीटा। जाने से पहले उन्होंने धमकी दी कि अगर हमने पुलिस को फोन किया तो वे हमें जान से मार देंगे।
कुमार की पत्नी पूजा ने कहा, ‘हमने पुलिस से संपर्क किया, लेकिन हमारी शिकायत दर्ज नहीं की गई। इसके बाद, हमने अपनी एफआईआर दर्ज करने के लिए एक वकील से संपर्क किया। अब हम गांव में नहीं रह रहे हैं। आरोपियों के परिजन हमें शिकायत वापस लेने की धमकी दे रहे हैं। मैं अपने (होने वाले) बच्चे की स्थिति को लेकर अनिश्चित हूं।
डीएसपी विक्रांत द्विवेदी ने कहा, उनके प्राइवेट पार्ट पर चाकू से वार करने का आरोप गलत है। हाथापाई के दौरान चोट लगी थी। पूरे मामले की जांच की जा रही है।