मुजफ्फरनगर। छपार थाना क्षेत्र के गांव छपरा में हुए जानलेवा हमले में आज कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। अभियोजन के अनुसार 14 जुलाई 2000 को छपरा में इलियास पुत्र हनीफ के घर पर उसके ही गांव के लियाकत पुत्र हनीफ जमशेद पुत्र लियाकत जावेद परवेज पुत्रगण लियाकत सलीम पुत्र इस्लाम निवासी ग्राम छपरा अपने अपने हाथों में लाठी, बलकटी, भाला गंडासा लेकर मकान में चढ़कर लियाकत के पुत्र सरफराज व उसकी बहन अफरोज के साथ मारपीट की, जिसमें सरफराज को गंभीर चोटे आई, जिसकी बाबत इलियास ने थाना छपार पर मुकदमा अपराध संख्या 170 सन 2000 सरकार बनाम लियाकत आदि धारा 147 148 323 307 504 506 आईपीसी का दर्ज कराया था, जिसका मुकदमा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट नंबर एक के न्यायाधीश निशांत कुमार सिंगला के यहां उक्त सत्र परीक्षण संख्या 1582 सन 2007 सरकार बनाम लियाकत आदि का विचारण हुआ, जिसमें अभियोजन पक्ष की ओर से नो गवाह पेश किए गए। इस मामले में एडीजीसी अमित कुमार त्यागी ने कोर्ट में प्रभावी पैरवी की।
वादी इलियास की ओर से संदीप कुमार त्यागी एडवोकेट व मोहम्मद आबिद एडवोकेट तेवड़ा द्वारा मुकदमे की पैरवी की गई। उक्त केस में बिरादरी के मोजिज व्यक्तियों द्वारा कई बार फैसले का प्रयास किया गया, परंतु फैसला नहीं हो पाया था। आज फास्ट ट्रैक कोर्ट नंबर-1 के न्यायाधीश निशांत कुमार सिंगला द्वारा उक्त सत्र परीक्षण में आदेश पारित किया गया तथा सभी पांचों अभियुक्तों को तीन-तीन वर्ष का कठोर कारावास व अर्थदंड से दंडित किया गया। उक्त केस का अभियुक्त परवेज आलम सीआरपीएफ में नौकरी कर रहा है। आज केस में सजा होने के उपरांत अभियुक्त को न्यायिक हिरासत में लिया गया।