देहरादून। आखिरकार काबुल हाउस के 17 अध्यासियों को काबुल छोड़ने का निर्देश हो गया है। जिलाधिकारी सोनिका की अदालत से शत्रु सम्पत्ति पर काबिज 17 लोगों को 15 दिन के भीतर अध्यासन छोड़ना होगा और अध्यासन न छोड़े जाने की दशा में पुलिस की मदद से उनका स्थान खाली करा दिया जाएगा। यह प्रकरण 1980 से ही विभिन्न न्यायालय में लंबित था।
यह उच्च न्यायालय नैनीताल तक मामला पहुंचा और न्यायालय के निर्देश पर जिलाधिकारी देहरादून की ओर से इसे खाली कराने के निर्देश कर दिए गए हैं। शनिवार को इस्लामुद्दीन अंसारी ने बताया कि इस संबंध में जिलाधिकारी देहरादून ने 17 अक्टूबर को आदेश किए थे जिसे आज पक्षकारों को दिया गया है। इस संबंध में राशिद निसार ने विशेष पहल की गई थी।
शत्रु सम्पत्ति काबुल हाउस का प्रकरण लंबे अर्से से न्यायालय में लंबित था और भाजपा नेता इस्लामुद्दीन अंसारी इस प्रकरण पर निरंतर प्रयास में जुटे थे। सरकार बनाम भगवती प्रसाद आदि के वाद संख्या 06-22-23 मौजा उद्दीवाला परगना केंद्रीय दून, तहसील सदर की यह पत्रावली उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन 28 अगस्त को सुनी गई थी। जिलाधिकारी ने अपने निर्देश में कहा है कि पत्रावली देखने से पता चला है कि श्रीमती सुशीला भट्ट आदि के द्वारा अपर जिलाधिकारी को 2007 में एक आवेदन दिया गया था, जिसमें एक याचिका का उल्लेख किया गया था।
उन्होंने लिखा है कि इस मामले पर सहायक कस्टोडियन जिला मजिस्ट्रेट देहरादून के न्यायालय में इस प्रकरण के बारे में अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया था, लेकिन इन लोगों ने कोई पैरवी नहीं की। इस संबंध में भगवती प्रसाद उनियाल, धनबहादुर राणा, विनोद कुमार पंत, मनीष भाटिया, मीना कुमार, सौरभ गौड़, नीतिन, जब्बल सिंह, बच्ची देवी, मीनाक्षी, राजमोहन, राजकुमार, कमल, अजय, संजय, अमृत कौर, शांति जोशी आदि को निर्देश दिया गया है कि वह प्रश्नगत सम्पत्ति 15 बी ईसी रोड़ काबुल हाउस जो निष्क्रांत सम्पत्ति है और राज्य सरकार में निहित है, उसको निष्कासित किया जाता है। उनको निर्देश दिया जाता है कि वह प्रश्नगत सम्पत्ति को रिक्त कर सरकार को सौंपें। यदि ऐसा नहीं होगा तो सरकार को इस संबंध में निर्णय लेना पड़ेगा।
जिलाधिकारी सोनिका की अदालत से 32 पृष्ठों के इस निर्णय के बाद शत्रु संपत्ति काबुल हाउस के कब्जेदारों में हड़कंप मचा हुआ है। इस संदर्भ में 12 जनवरी को भाजपा नेता इस्लामुद्दीन के साथ राशिद निसार ने भी पैरवी की थी। उन्होंने कहा था कि 14 अक्टूबर 1984 को राजस्व आयुक्त अनुभाग छह राणा प्रताप सिंह मार्ग लखनऊ ने जिलाधिकारी, देहरादून को निर्देश दिए गए थे कि 15, 15वी, काबुल हाउस ईसी रोड देहरादून की सम्पत्ति पर अवैध अध्यासियों को नोटिस भेजकर तुरंत भूखंड खाली कराया जाए और यदि वह नहीं खाली कर दें तो बलपूर्वक खाली कराया जाए। साथ ही अवैध अध्यासन अवधि का बाजार दर से किराया वसूला जाए। यह प्रकरण न्यायालय में चल रहा था, लेकिन अब जिलाधिकारी द्वारा आदेश के माध्यम से सभी 17 अध्यासियों को निर्दिष्ट किया गया है कि वह 15 दिन के भीतर काबुल हाउस को खाली करें।