नई दिल्ली। गैंगेस्टर लॉरेंस बिश्नोई को फिरौती के एक मामले में साकेत कोर्ट ने रविवार को और तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। लॉरेंस बिश्नोई को 10 दिन की पुलिस रिमांड पूरी होने के बाद दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने अदालत में पेश किया था। अपराध शाखा ने यह कहते हुए अदालत से तीन दिन की रिमांड का अनुरोध किया कि उन्हें लॉरेंस से कई जानकारी एकत्र करने की जरूरत है।
अपराध शाखा ने तर्क दिया कि हमने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। हमें अन्य आरोपी के साथ आमने-सामने पूछताछ करने की जरूरत है। लॉरेंस को भी गुजरात के गांधीनगर ले जाने की जरूरत है।
अपराध शाखा ने अदालत से कहा कि आरोपी लॉरेंस बिश्नोई को आरोपी अक्षय के साथ आपराधिक सांठगांठ का पता लगाने, एक अन्य आरोपी कपिल के बारे में जानकारी इकट्ठा करने की जरूरत है। इसके अलावा यह भी पता लगाने की जरूरत है कि आरोपी लॉरेंस बिश्नोई जेल में होने के बावजूद आरोपी अक्षय को निर्देश देने में कैसे सक्षम था। इसके बाद अदालत ने पुलिस को अनुमति देते हुए कहा कि जांच के एक सार्थक निष्कर्ष के लिए पूछताछ आवश्यक है।
9 जून को लॉरेंस ने अपने वकील के माध्यम से विशेष एनआईए अदालत के समक्ष एक आवेदन दायर किया था, जिसमें अदालत से उसे मंडोली जेल में बंद नहीं करने का अनुरोध किया गया था। उसने अपनी अर्जी में गुहार लगाई थी कि उसे मंडोली की बजाय बठिंडा की किसी जेल में रखा जाए।
लॉरेंस ने अपनी याचिका में अनुरोध किया था, अगर उसे दोबारा मंडोली जेल में रखा जाता है, तो उस पर हमला होने की संभावना है क्योंकि उसके प्रतिद्वंद्वी भी उसी जेल में बंद हैं। गैंगवार और हिंसा का खतरा है।
उनके वकील विशाल चोपड़ा ने कहा कि इसके बाद कोर्ट ने यह सुनिश्चित किया है कि अपराध शाखा की तीन दिन की हिरासत पूरी होने के बाद दिल्ली पुलिस कड़ी सुरक्षा के बीच लॉरेंस को वापस बठिंडा जेल में शिफ्ट करेगी। लॉरेंस को एक अन्य मामले में गुजरात के गांधीनगर ले जाने की संभावना है।