देवबंद (सहारनपुर)। देवबंद जैन समाज के लोगों ने मुम्बई में 30 वर्ष पुराने जैन मंदिर को असंवैधानिक तरीके से तोड़े जाने और जैन श्रद्धालुओं से पुलिस व बीएमसी अधिकारियों द्वारा अमानवीय व्यवहार करने पर एक ज्ञापन उपजिलाधिकारी देवबंद युवराज सिंह को सौंपा। ज्ञातव्य है कि मुंबई महानगरपालिका के एक अधिकारी द्वारा 16 अप्रैल की सुबह विले पार्ले (पूर्व) स्थित जैन मंदिर को बेदर्दी से जेसीबी मशीन से ध्वस्त करा दिया गया जबकि उसी दिन मैटर कोर्ट में सुनवाई हेतु ज्ञापित था।
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इस ध्वंस में जैनों के पूज्य तीर्थंकरों की मूर्तियों का अपमान किया गया और पवित्र धार्मिक ग्रंथों को सड़कों पर फेंक दिया गया। लगभग 30 सालों से अधिक समय से जैन श्रद्धालु इस मंदिर में शांतिपूर्वक पूजा-अर्चना एवं भक्ति के लिये नित्य आते हैं। उन अहिंसा पालक श्रद्धालुओं के समूह को भी पुलिस बल द्वारा प्रताड़ित किया गया। पुलिस बल की उपस्थिति में 16 अप्रैल की सुबह कुछ ही मिनटों में, हाई कोर्ट के शुरू होने से पहले, मंदिर को तोड़ दिया गया।
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इसी को लेकर आज देवबंद में श्री दिगंबर जैन पंचायत समिति के नेतृत्व में जैन समाज द्वारा एक ज्ञापन श्रीमती द्रौपदी मुर्मू (राष्ट्रपति), नरेंद्र मोदी (प्रधानमंत्री), सी.पी. राधाकृष्णन (राज्यपाल महाराष्ट्र), देवेंद्र फडणवीस (मुख्यमंत्री महाराष्ट्र) के नाम एसडीएम देवबंद युवराज सिंह को सौंपा गया। जिसमें अधिकारियों पर कार्यवाही कर मंदिर का पुनर्निर्माण कराए जाने की मांग की गई। ज्ञापन देने वालों में समिति के अध्यक्ष मोनी जैन, महामंत्री शुभम जैन, कोषाध्यक्ष मनोज जैन (पिल्लू), अंकित जैन, अमित जैन, विजेंद्र जैन मुकेश जैन, प्रतीक जैन, संयम जैन समेत समस्त जैन समाज उपस्थित रहा।