कैथल । पुलिस हर रोज आम जनता को इंसाफ दिलवाने का दावा करती है। लेकिन अधिकारियों की मनमर्जी के कारण आम पुलिस कर्मी को भी न्याय नहीं मिल रहा। इस बारे में जब अधिकारियों से बात की जाती है तो वह इसे पुलिस का अंदरूनी मामला कहकर टाल देते हैं।
शनिवार को एक ऐसा ही मामला सामने आया। कलायत के सम्मनिंग स्टाफ में कार्यरत एक पुलिसकर्मी नरेंद्र अधिकारियों द्वारा छुट्टी दिए जाने के बावजूद सेना लिपिक (ओएचसी) द्वारा रवानगी न करने से नाराज होकर लघु सचिवालय के बाहर अपने बेटे के साथ धरने पर बैठ गया। पुलिस कर्मी का कहना है कि वह गांव धनौरी का रहने वाला है। गांव में उसके घर की दीवार टूटी पड़ी है। जिस कारण कुत्ते उसके बेडरूम तक पहुंच जाते हैं। उसने घर की दीवार बनवाने के लिए सोमवार को छुट्टी ली थी।
सोमवार से उसकी छुट्टी मंजूर होने के बावजूद भी ओएचसी राजेश ने उसकी रवानगी नहीं की। वह रात को ड्यूटी रहता है और दिन में रवानगी करवाने के लिए ओएचसी राजेश की खुशामद करने के लिए कैथल आता है। पूरा सप्ताह इसी प्रक्रिया में बीत चुका है। लेकिन उसकी रवानगी नहीं की गई। मजबूर होकर शनिवार को वह अपने बेटे को लेकर लघु सचिवालय के बाहर धरने पर बैठ गया है।
इस बारे में जब डीएसपी मुख्यालय विवेक चौधरी से बात की गई तो उन्होंने सिपाही द्वारा धरना दिए जाने की बात को सिरे से नकार दिया। उन्हें जब सिपाही की वीडियो दिखाने की बात की गई तो उन्होंने बताया कि सिपाही की रवानगी कर उसे घर भेज दिया है। ओएचसी के खिलाफ कार्रवाई की बात पर वह बोले कि यह पुलिस का अंदरूनी मामला है। हम जांच कर लेंगे और डीएसपी ने फोन काट दिया।