महाकुंभ नगर। प्रसिद्ध बागेश्वर धाम सरकार आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने महाकुंभ में हुई भगदड़ को एक साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ भारत के गौरवशाली इतिहास को पुनः गढ़ने का अवसर है, और इसकी छवि धूमिल करने की कोशिश की जा रही है।
परमार्थ निकेतन शिविर में हनुमंत कथा के तीसरे और अंतिम दिन, उन्होंने संगम पर हुए हादसे को हृदयविदारक बताया और प्रार्थना की कि हनुमान जी सभी प्रभावितों को शक्ति और बल प्रदान करें। उन्होंने कहा जब तक तन सुरक्षित रहेगा, तभी धर्म जीवित रहेगा। धर्म रहेगा तो देश रहेगा और देश रहेगा तो भारत विश्वगुरु बनेगा। शास्त्री ने श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि आने वाले स्नान पर्व संयम और श्रद्धा से करें।
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि अखाड़ा परिषद और संतों ने पहले राष्ट्र को अमृत स्नान कराया और फिर स्वयं स्नान किया।
मुज़फ्फरनगर में उद्योग बंधु की बैठक, डीएम ने अफसरों को दिए उद्यमियों की समस्या दूर करने के निर्देश
यह पूरी दुनिया को भारतीय संस्कृति और संत परंपरा की महानता का अद्भुत संदेश देता है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को महाकुंभ के सफल आयोजन के लिए बधाई दी।
साध्वी भगवती सरस्वती ने कहा कि महाकुंभ तीर्थराज प्रयाग की शक्ति का प्रतीक है। प्रार्थना में असीम शक्ति होती है, और भक्ति जीवन की संजीवनी है। हनुमान जी का जीवन सिर्फ आदर्श नहीं, बल्कि हर संकट से उबरने का संदेश देता है।
शास्त्री ने कहा कि हनुमंत कथा केवल पौराणिक कथा नहीं है, बल्कि जीवन के संघर्षों से लड़ने की संजीवनी है। यह कथा हमें अपने जीवन को नई दिशा देने और हर चुनौती से जूझने की प्रेरणा देती है।
आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के इस बयान के बाद महाकुंभ में हुई भगदड़ को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। क्या यह प्रशासनिक चूक थी या वास्तव में कोई गहरी साजिश? अब देखना होगा कि सरकार और प्रशासन इस पर क्या कदम उठाते हैं।