नोएडा। भारत सरकार के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के बारे में छात्रों को जागरूक करने के लिए एमिटी विश्वविद्यालय और भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के द नेशनल ई-गर्वनेंस डिविजन के सहयोग से ‘डिजिटल इंडिया टॉक शो’ का आयोजन किया गया।
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डिजिटल इंडिया टॉक शो का शुभारंभ द नेशनल ई-गर्वनेंस डिविजन की मैनेजर जान्हवी, एमिटी विवि. के एडिशनल प्रो.-वाइस चांसलर डा. संजीव बंसल, द नेशनल के डिप्टी जनरल मैनजर अमित कुमार और डिजिटल इन्फास्ट्रक्चर एंड साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ सम्राट किशोर और डीन डा’. बी के मूर्ती द्वारा किया गया। इस जागरूकता कार्यक्रम में एमिटी के प्रबंधन, सूचना प्रौद्योगिकी और फॉरेसिक सांइस के लगभग 200 छात्रों ने हिस्सा लिया।
डिजिटल इंडिया टॉक शो का शुभारंभ करते हुए सुश्री जान्हवी ने कहा कि नागरिकों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने के लिए डिजिटल वॉलेट की पहल की गई है। डिजिलॉकर ने सभी ई-गर्वनेंस पारिस्थितिकी तंत्र को जोड़ा है। जिसमें व्यक्ति को जन्म प्रमाण-पत्र, शैक्षणिक प्रमाण-पत्र, जाति प्रमाण-पत्र, वाहन रजिर्स्टड सर्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेस, वोटर आई कार्ड, पैन कार्ड आदि को एक जगह सुरक्षित रखने और जरूरत के वक्त उपयोग में लाने की सुविधा प्राप्त होती है।
उन्होंने कहा कि डिजिटल लॉकर, नागरिकों के दस्तावेजों को सुरक्षित व निजी रखता है जिसका कही भी किसी भी समय उपयोग कर सकते है और जो पर्यावरण के अनुकूल होते है। उन्होंने बताया कि डिजी लॉकर के दो मुख्य भाग होते है। प्रथम दस्तावेजों को उपलब्ध करना और दस्तवेजों को स्वंय द्वारा अपलोड करना। एंटिटी लॉकर भी एक प्रमुख पहल है। जिसे डिजिटल दस्तावेजों और प्रमाण-पत्रों को संग्रहित करने, साझा करने और सत्यापित करने के लिए एक सुरक्षित, क्लाउड-आधारित प्लेटफॉर्म प्रदान करके संगठनों को सशक्त बनाने के लिए डिजाइन किया गया है। इस अवसर पर उन्होंने एपीआई सेतू आदि के संर्दभ में जानकारी प्रदान की।
कार्यक्रम के दौरान डा संजीव बंसल, अमित कुमार सहित अन्य लोगों ने भी छात्रों को संबोधित किया। इस अवसर पर छात्र प्रतिभागियों के बीच डिजिटल इंडिया क्विज का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम के अंत में एमिटी के स्टूडेंट वेलफेयर के डीन डा. एचपी सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया।