नई दिल्ली। काठमांडू में भारत और नेपाल के बीच व्यापार करने और सहयोग पर एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इसमें दोनों देशों के बीच अनधिकृत व्यापार से निपटने के उपायों पर चर्चा की गई। साथ ही इस बैठक में द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक संबंधों को और मजबूत बनाने पर जोर दिया गया। भारत नेपाल का सबसे बड़ा व्यापार और निवेश साझेदार बना हुआ है। भारत नेपाल के आयात और निर्यात दोनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इस बैठक में व्यापार, निवेश और सीमा पार व्यापार के बारे में गहन चर्चा की गई। साथ ही इस बैठक में दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों को बेहतर बनाने के उपायों पर विचार किया गया। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार,10-11 जनवरी को हुई इस बैठक में दोनों पक्षों ने आपसी बाजार पहुंच, बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) और शुल्क संबंधी मुद्दों की समीक्षा की। इसके अलावा, आवागमन संधि और व्यापार संधि में सुधार, मानकों का सामंजस्य और रक्सौल-बीरगंज रेल लाइन के विद्युतीकरण जैसे प्रमुख मुद्दों पर भी चर्चा हुई। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि नेपाल के अनुरोध पर 2 लाख मीट्रिक टन गेहूं की आपूर्ति की जाएगी।
इसके अलावा, नेपाली पक्ष ने भारतीय सरकार के निरंतर समर्थन के लिए धन्यवाद व्यक्त किया, खासकर आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में मदद के लिए। बैठक में भारतीय पक्ष ने नेपाल के लिए दूध निर्यात में आने वाली समस्याओं पर भी चर्चा की। नेपाली प्रतिनिधिमंडल ने भारतीय पक्ष से मट्ठा और पनीर जैसे दूध उत्पादों के लिए सकारात्मक विचार करने का अनुरोध किया, जिस पर भारतीय पक्ष ने सहमति जताई। इसके अलावा, बैठक में नई एकीकृत चेक पोस्ट और रेलवे लिंक बनाने की योजना पर भी चर्चा की गई, इससे भारत और नेपाल के बीच निर्बाध सीमा पार संपर्क मजबूत होगा। बैठक में नई एकीकृत चेक पोस्ट और रेलवे लिंक के निर्माण सहित भारत और नेपाल के बीच निर्बाध सीमा पार संपर्क को मजबूत करने के उद्देश्य से द्विपक्षीय पहल का स्वागत किया गया।