मेरठ। मेरठ में तंत्र-विद्या विफल होने पर बिगड़ी परिवार के पांच लोगों की मानसिक हालत बिगड़ गई है। जिसमें से एक की मौत हो गई है।
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थाना परतापुर क्षेत्र के गांव रिठानी निवासी परिवार कई दिनों से तंत्र-विद्या में लिप्त था। किसी परिचित के कहने पर नवरात्रों में परिवार ने तंत्र-विद्या शुरू की थी। तंत्र-विद्या विफल होने पर परिवार के लोगों की मानसिक स्थिति बिगड़ गई। शनिवार सुबह परिवार के पांचों सदस्य परतापुर तिराहे पर पहुंचे और वहां भी जमकर उत्पाद मचाया। इस दौरान परिवार के लोगों ने राहगीरों पर कीचड़ उछाला और पथराव किया।
खुद पर दैव्य शक्ति का असर बताकर परतापुर तिराहे और जिला अस्पताल में उत्पाद मचाने वाले रिठानी निवासी अनुज (20) पुत्र ओमप्रकाश की उपचार के दौरान मौत हो गई। सुबह तबियत बिगड़ने पर रिश्तेदार युवक को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे थे। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचनामा भरना शुरू किया। रिश्तेदारों के मना करने पर लिखित में देने के बाद शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया। रिठानी गांव निवासी परिवार कई दिनों से तंत्र-विद्या में लिप्त था। इसी के चलते ओमप्रकाश उर्फ टिल्लू, मां महावीरी, बड़ी बेटी पूजा प्रीती, अजय और सबसे छोटे बेटे अनुज की मानसिक स्थिति बिगड़ गई थी।
इसी के चलते शुक्रवार को परिवार के सदस्यों ने गली में हंगामा किया तो पड़ोसियों की सूचना पर पुलिस पहुंची और सभी को थाने ले आई। पुलिस ने सभी को मेडिकल परीक्षण के लिए जिला अस्पताल भेजा। जहां पर परिजनों ने जमकर उत्पात मचाया। रिश्तेदार पहुंचे और सभी को ले जाकर अस्पताल में भर्ती कराया दिया। उपचार के बाद सभी को छुट्टी दे दी गई। सुबह अचानक अनुज की तबियत बिगड़ गई।
रिश्तेदारों ने एंबुलेंस बुलाकर युवक को जिला अस्पताल में भर्ती कराया। तबियत में सुधार न होने पर अनुज को दूसरे अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने की तैयारी शुरू की। जिस पर रिश्तेदारों ने पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया। लिखित में देने पर युवक का शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया। देर शाम को युवक का अंतिम संस्कार कर दिया गया। एएसपी अंतरिक्ष जैन का कहना है कि परिजनों और रिश्तेदारों के लिखित में देने पर शव को परिजनों को सौंप कर दिया गया है।
ओमप्रकाश सब्जी मंडी में आढ़त लगाता है। परिवार में पत्नी मुन्नी देवी, मां महावीरी, बड़ी बेटी पूजा, प्रीती, बेटा अजय और अनुज है। ओमप्रकाश के बेटे और बेटी शिक्षित है। सभी ग्रेजुएशन के बाद नौकरी की तैयारी कर रहे हैं। बताया गया कि किसी परिचित के कहने पर नवरात्रों में परिवार ने तंत्र-विद्या करनी शुरू कर दी। तंत्र-विद्या विफल होने पर परिवार के लोगों की मानसिक स्थिति बिगड़ी है। जिस कारण उन्होंने जिला अस्पताल और परतापुर तिराहे पर हंगामा किया था। रविवार को जब अनुज का शव घर पहुंच तो मातम मनाने वाला कोई नहीं था। पड़ोसी भी डर के कारण परिवार के पास तक नहीं जा पा रहे थे।
अभी भी खराब है अन्य सदस्यों की मानसिक स्थिति ओमप्रकाश के परिवार के अन्य सदस्यों की मानसिक स्थति में अभी तक सुधार नहीं है। अनुज की मौत के बाद शव घर पहुंचा तो दादी, भाई और बहन कोई भी अनुज को देखने नहीं पहुंचा। ओमप्रकाश मकान के गेट पर गुमसुम बैठा था। अनुज के शव को घर नहीं ले जाने के बजाय पड़ोस के एक खाली पडे़ प्लाट में रखा गया। बताया गया कि पिता ओमप्रकाश ने अन्य सभी सदस्यों को कमरों में बंद कर रखा है।