सहारनपुर। जिलाधिकारी डॉ.दिनेश चन्द्र द्वारा प्रयागराज में आयोजित होने वाले माघ मेला के आयोजन के दौरान गंगा एवं सहायक नदियों के जल की निर्मलता एवं अविरलता स्नान योग्य बनाये रखने के दृष्टिगत उपजिलाधिकारियों की अध्यक्षता में समिति गठित की गयी है।
डॉ.दिनेश चन्द्र ने समिति को निर्देश दिए कि माघ मेला 2024 के दौरान गंगा नदी जल की अविरलता एवं निर्मलता सुनिश्चित किये जाने हेतु गंगा नदी बेसिन में स्थित विभिन्न औद्योगिक इकाईयों को ’’शून्य उत्प्रवाह’’ निस्तारित करने एवं यदि किन्हीं कारणों से ’’शून्य उत्प्रवाह’’ निस्तारित करना सम्भव न हो तो ऐसी स्थिति में औद्योगिक इकाईयों को माघ मेले की अवधि में उत्पादन प्रक्रियायें बन्द रखना सुनिश्चित किया जाए। ब्लैक लीकर, स्पेन्टवाश, रंगीन उत्प्रवाह के टैंकर के माध्यम से परिवहन पाये जाने की स्थिति में इकाई को विधिक कार्यवाही करते हुए बन्द कराने के निर्देश दिए।
उन्होने कहा कि गंगा एवं उसकी सहायक नदियों में प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से प्रदूषित एवं रंगीन उत्प्रवाह निस्तारित करने वाले चिन्हित उद्योगों सीईटीपी एवं एसटीपी द्वारा किसी भी दशा में अशुद्धिकृत एवं रंगीन उत्प्रवाह गंगा नदी में निस्तारित करता हुआ पाया गया तो संबंधित के विरूद्ध कडी कार्यवाही की जाएगी। माह जनवरी से मार्च की अवधि में माघ मेले के आयोजन के दौरान मकर संक्रान्ति, बंसत पंचमी, पौष पूर्णिमा, माघ पूर्णिमा, मौनी अमावस्या, महा शिवरात्रि स्नान के प्रमुख पर्व है।
माघ मेला अवधि के दौरान उत्प्रवाह शुद्धिकरण संयंत्र का सतत् संचालन किया जाना सुनिश्चित करें तथा रोस्टर के अनुसार स्नान तिथि से पूर्व एवं स्नान तिथि के दौरान उद्योग में शून्य उत्प्रवाह निस्तारण अथवा स्वतः बन्दी किया जाना सुनिश्चित करें। उद्योग से किसी भी प्रकार का अशुद्धिकृत एवं रंगीन उत्प्रवाह किसी भी दशा में निस्तारित न किया जाये। माघ मेला अवधि से पूर्व एवं समाप्ति तक यदि किसी उद्योग का अशुद्धिकृत अथवा रंगीन उत्प्रवाह का निस्तारण सरफेस वाटर बॉडी में होता पाया गया तो उद्योग के विरूद्ध नियमानुसार जल प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण अधिनियम-1974 यथासंशोधित के अन्तर्गत की गयी कार्यवाही का सम्पूर्ण उत्तरदायित्व उद्योग का स्वंय का होगा।