सहारनपुर। जिलाधिकारी डॉ0 दिनेश चन्द्र ने बताया कि आने वाले सप्ताह में और अधिक गर्मी पड़ने की संभावना है। गर्मी में मनुष्य के साथ-साथ सभी प्राणियों को पानी की आवश्यकता होती है। जब मनुष्य को प्यास लगती है तो पानी का संग्रहण कर लेता है अथवा वह कहीं से भी पानी मांग कर पी लेता है, लेकिन परिंदे व पशुओं को प्रचण्ड गर्मी में यहां-वहां पानी के लिए भटकना पड़ता है। गर्मियों में कई परिंदों व पशुओं की मौत पानी की कमी के कारण हो जाती है।
डॉ0 दिनेश चन्द्र ने सभी सम्मानित जनपदवासियों से अपील की है कि इस ग्रीष्म कालीन मौसम में पशु-पक्षियों के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण बनाये रखें एवं चारे तथा पानी हेतु आवश्यक प्रबन्ध अपने प्रयासों से करें। उन्होंने कहा कि सभी प्रबुद्ध नागरिक घरों के आस पास उड़ने वाले परिंदों एवं पशुओं की प्यास बुझाकर जिंदगी को बचाएं। गर्मियों में घरों के आस पास इनकी चह- चहाहट बनी रहें, इसके लिए सभी नागरिक पशु एवं पक्षियों के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण रखते हुए उनका विशेष ख्याल रखें।
पानी न मिले तो पक्षी बेहोश होकर गिर जाते हैं और उनकी मृत्यु होने की संभावना बढ़ जाती है। परिंदों व पशुओं के लिए गर्मी में पानी को अमृत के समान माना जाता है, और गर्मी में बेजुबान, मूक पशु-पक्षियों को प्यास में तड़पना पड़ता है। पशु जब प्यासे होते हैं तो घरों के सामने दरवाजे पर आकर खड़े हो जाते है ऐसी स्थिति में आप पशु को चारा खिलाना व पानी पिलाने का प्रयास करें। गर्मी में पशु पक्षियों की प्यास बुझाने के लिए लोगों को प्रयास करना चाहिए। घर के बाहर या बालकनी में छांव वाली जगह पर बर्तन में पानी भरकर रखें।
पानी गर्म हो जाने पर समय-समय पर उसे बदलते रहें। कोई भी जानवर यदि खाना न खाए, सुस्त हो या उल्टी करे तो डॉक्टर को दिखाएं। पानी और दाना आदि रख रहे हैं तो नियमित तौर पर इसे बरकरार रखें। ध्यान रहे कि पानी का बर्तन जानवर या पक्षी के आकार के लिहाज से ही हो जिससे उन्हें पानी पीने में असुविधा न हो और घरों के बाहर भी पानी के बर्तन भरकर रखें, या बड़ा बर्तन अथवा काटोरा में पानी भरकर रखें, जिससे मवेशी व परिंदे पानी देखकर आकर्षित होते हैं। छत पर भी पानी की व्यवस्था करें, छायादार जगह बनाकर वहां पानी के बर्तन भरकर रखें।
पक्षियों के लिए चना, चावल, ज्वार, गेंहूं आदि जो भी अनाज घर में उपलब्ध हो उसे बेजुबान, पक्षियों हेतु छतों एवं उचित स्थानों पर अवश्य रखें। पोखर, तालाब आदि कम पानी वाले जल स्रोतों को गंदा न करें, इससे पशु-पक्षियों के लिए पानी की असुविधा हो सकती है। पानी से गर्मी में तापमान से राहत मिलती है और शरीर में पानी की कमी नहीं होती।