Tuesday, January 7, 2025

लोकतंत्र की रक्षा के लिये हम कांग्रेस के साथ- द्रमुक

नयी दिल्ली। द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के ए राजा ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस को लेकर उनकी पार्टी की शिकायतें जरूर हैं और आज वह उसके साथ इसलिये बैठी है ताकि देश में लोकतंत्र, समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता की रक्षा की जा सके।

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संविधान की 75 वर्ष की गौरवशाली यात्रा पर लोक सभा में दो दिन की चर्चा के दूसरे दिन चर्चा को आगे बढ़ाते हुये राजाने कहा, “ कांग्रेस के साथ उनके दल की शिकायतें रही हैं लेकिन लोकतंत्र और संविधान को लेकर हमें चिंता है, इसलिये उनकी पार्टी कांग्रेस के साथ है। वर्तमान समय में लोकतंत्र, समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता को दबा दिया गया है, इसलिये मैं कांग्रेस के साथ बैठा हूं। ”

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उन्होंने कहा कि केशवानंद भारती मामले में उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ ने स्पष्ट कर दिया था कि संविधान में संशोधन किया जा सकता है लेकिन उसकी मूल भावना को बदला नहीं जा सकता।

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राजा ने कहा कि दामोदर विनायक सावरकर ने सबसे पहले हिन्दू राष्ट्र की बात की थी, मोहम्मद अली जिन्ना ने दो राष्ट्र की बातें उसके बाद शुरू की थी। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर ने हिन्दू राष्ट्र के सिद्धांत को स्वीकार नहीं किया था।

चर्चा में शामिल होते हुये तेलुगूदेशम के एल श्रीकृष्णा देवरायुलू ने कहा कि डॉ अंबेडकर ने बहुत शानदार संविधान बनाया, लेकिन संविधान सभा के अन्य सदस्यों ने भी इसे बनाने में महती मदद की थी।

 

देवरायुलू ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री एन टी राव जब मुख्यमंत्री थे और उपचार के लिये अमेरिका गये थे तो आंध्रप्रदेश में उनकी सरकार गिरा दी गयी, क्या वह संविधान के अनुरूप था।

 

उन्होंने कहा कि डॉ अंबेडकर के बहुत अच्छे बनाये गये संविधान के की वजह से ही हमारा लोकतंत्र जीवंत है, हम सभी मिलकर संविधान को कायम रखेंगे।

 

राष्ट्रीय जनता दल के सुधाकर सिंह ने कहा कि संविधान एक जीवित दस्तावेज है जो सांस लेता है और समय-समय पर बदलता भी है। वर्ष 2014 से हमारे संवैधानिक मूल्यों का क्षरण हुआ है। पारदर्शिता एवं निष्पक्षता को समाप्त करने के प्रयास किये जा रहे हैं।

 

वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के एम गुरुमूर्ति ने कहा कि संविधान ने अस्पृश्यता को दूर किया, सामाजिक न्याय, साक्षरता एवं आर्थिक प्रगति को बढ़ावा दिया। तमाम उपलब्धियों के बावजूद चुनौतियां भी हैं। कल दो नेताओं से हमारे नेता पर कीचड़ उछालने का काम किया।

 

निर्दलीय राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने कहा कि संविधान हमारे देश के वसुधैव कुटुम्बकम् और सर्वधर्म समभाव के सिंद्धात पर आधारित गीता के समान है। एक व्यक्ति ने संघर्ष शुरू किया।  राहुल गांधी ने मदद की। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उसे पकड़ लिया। कल उसके माता पिता ने जान दे दी। उन्होंने कहा कि 80 लाख करोड़ रुपए के मेडिकल माफिया, 40 लाख करोड़ रुपए के शिक्षा माफिया को जन्म दिया। उन्हाेंने आरक्षण एवं जनसंख्या की बात की।

 

 

कांग्रेस के सुखदेव भगत ने कहा कि कल सत्तापक्ष ने पंडित जवाहर लाल नेहरू को गाली दी है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेताओं ने संविधान पर सवाल खड़े किये हैं और उसे भारतीय मूल्यों के विपरीत बताया है। उन्हाेंने कहा कि आदिवासियों के अधिकारों को खाया जा रहा है। उनकी पहचान नष्ट की जा रही है।

 

पीठासीन अधिकारी जगदंबिका पाल की टोकाटाकी पर नाराज़ हो कर उन्होंने आरोप लगाया कि आदिवासी की आवाज़ को दबाया जा रहा है।

 

भाजपा के तेजस्वी सूर्या ने कहा कि संविधान हमारी सभ्यता का परिचय है जो धर्म पर आधारित है। बाबा साहेब अंबेडकर ने उपनिषद को उद्धृत किया था कि यदि सभी ब्रह्म हो जाएं तो भेदभाव नहीं रह जाता है। उन्होंने कहा कि भाजपा भारत को एक राष्ट्र के रूप में पूजती है जबकि कांग्रेस इसे राज्यों का एक बेमेल संघ मानती है। इस प्रकार से संविधान का अनादर कांग्रेस करती है। भाजपा उसका सच्चा आदर करती है।

 

 

सूर्या ने कहा कि समाजवाद का शब्द डाल कर एक परिवार के नियंत्रण वाली शासन प्रणाली में एक गरीब देश बनाये रखने की साजिश की गई थी। कांग्रेस आर्थिक न्याय की बात करती है जिसमें करोड़ों लोगों काे शौचालय तक नहीं मिला। वास्तविक आर्थिक न्याय नरेन्द्र मोदी के शासन में मिला। बाबा साहेब अंबेडकर नेहरू जी की इसी राजनीति के खिलाफ थे। इसलिए नेहरू जी ने अंबेडकर को चुनाव हराने में ताकत लगायी। कांग्रेस के इस पाखंड काे उजागर करना चाहिए।

 

 

इन्होंने संविधान की भावना को खंडित किया। पंडित नेहरू ने संविधान पर पहला हमला किया था जब अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घोंट दिया था। श्यामा प्रसाद मुखर्जी को गिरफ्तार किया था। कालेलकर रिपोर्ट मंडल रिपोर्ट को दबा दिया गया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस किस प्रकार का देश चाहती है जिसमें एक मुस्लिम, मुस्लिम हो सकता है, एक क्रिश्चियन, क्रिश्चियन हो सकता है, लेकिन एक हिन्दू को सेकुलर होना चाहिए।

 

 

समाजवादी पार्टी (सपा) के जियाउर्रहमान ने कहा कि भाजपा ने संविधान के अंतर्गत अभिव्यक्ति, शिक्षा, मजहब की स्वतंत्रता का हनन किया है। संभल में गोली चलाया गयी। जनता को उठाने के काम किया तो उनके खिलाफ मुकदमा कायम कर लिया। एक इमाम को इसलिए गिरफ्तार किया गया है उसने लाउडस्पीकर पर अज़ान दी थी। बुलडोज़र चलाये जा रहे हैं। आज मुस्लिमों के साथ ज्यादती की जा रही है। वह संविधान के वादे को लागू करने की मांग करते हैं।

राष्ट्रीय लोकदल के राजकुमार सांगवान ने कहा कि संविधान भारत के लोगाें की आकांक्षाओं का जीवंत दस्तावेज है। उन्होंने किसान नेता पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न चौधरी चरण सिंह के योगदान को याद किया। उन्हाेंने कहा कि जो लोग संविधान की किताब लेकर घूम रहे हैं उन्हें बताना चाहते हैं कि 1975 में लोग गरीबी महंगाई भ्रष्टाचार को लेकर तमाम लोग सड़क पर उतर आये थे ताे आपातकाल लगा दिया गया था। देश को विकसित बनाने में जो योगदान प्रधानमंत्री श्री मोदी का है, उसे पहचानें।

 

वीसीके के सदस्य थोल तिरुमावलवन ने भी चर्चा में भाग लिया।

झारखंड मुक्ति मोर्चा के विजय कुमार हंसदाक ने कहा कि संविधान ने आरक्षण का हक दिया है और कमजोरों को आगे लाने की सोच संविधान की रही है, लेकिन आज सरकारी नौकरियों को खत्म कर पिछले दरवाजे से संविधान को खत्म किया जा रहा है। उन्होंने भाजपा पर आपाताकाल की स्थिति बनाने का आरोप लगाया और कहा कि झारखंड के मुख्यमंत्री को पांच महीने तक जेल में रखा गया। भाजपा के लोग चुनाव के समय असत्य बोलते हैं लोगों से जो वादे करते हैं उनको पूरा नहीं किया जाता है।

भाजपा के अनुराग ठाकुर ने कहा है कि कांग्रेस ने हमेशा संविधान की धज्जियां उड़ाई है और संविधान को खत्म करने का काम किया है। कांग्रेस के नेता आज संविधान बचाने की बात करते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि कांग्रेस ने आजादी के बाद से ही संविधान खत्म करने का काम किया है।

शिवसेना के डॉ. श्रीकांत एकनाथ शिंदे ने कहा कि कांग्रेस नेता अभय मुद्रा की बात करते हैं। अभय मुद्रा अहिंसा का प्रतीक है, लेकिन कांग्रेस के कार्यकाल में ही 1984 में सिखों का जनसंहार किया गया था। कांग्रेस के शासन में ही 1070 हिंसक घटनाएं हुई, कार सेवकों पर गोली चली।

 

 

वीर सावरकर को लेकर गांधी को घेरते हुए उन्होंने कहा कि वह वीर सेनानी थे और पूरा देश उनकी पूजा करता है। कांग्रेस संविधान विरोधी है और इसी संविधान के कारण कांग्रेस 400 से 40 सांसदों के साथ संसद पहुंची है। इसी संविधान की ताकत ने महाराष्ट्र में कांग्रेस को विपक्ष का नेता बनाने लायक भी नहीं छोड़ा है।

 

 

शिंदे की कांग्रेस और विपक्ष के नेता पर की गई टिप्पणी को लेकर सदन में हंगामा हुआ तो संसदीय कार्यमंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि पीठासीन अधिकारी कह चुके हैं कि जो टिप्पणी उन पर की गई है उसका जवाब देने का गांधी को मौका दिया जाएगा, लेकिन विपक्ष के सदस्य हंगामा करते रहे। हंगामे के बीच शिंदे ने अपनी बात जारी रखी और कांग्रेस पर हमला जारी रखा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने संविधान को हमेशा कमजोर करने का काम किया है और जिन बाबा साहब अम्बेडकर ने संविधान का निर्माण किया कांग्रेस उसका विरोध करती रही है और उनको संसद में आने तक नहीं दिया गया। उन्होंने एक किताब का हवाला दिया और कहा कि डॉ. अम्बेडकर को कांग्रेस ने अन्य दलों के साथ मिलकर संसद से बाहर करने का काम किया है।

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