लखनऊ। लखनऊ में ड्रेस कारोबारी मोहित पांडे की पुलिस हिरासत में संदिग्ध मौत का मामला सामने आया है, जिससे इलाके में तनाव और आक्रोश का माहौल है। मोहित पांडे को एक मामूली विवाद के मामले में पुलिस ने हिरासत में लिया था। हिरासत के दौरान मोहित की हालत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। मोहित के परिवार ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्हें थर्ड-डिग्री टॉर्चर का शिकार बनाया गया, जिसके कारण उनकी जान चली गई।
मोहित के परिवार का आरोप है कि पुलिस ने हिरासत में उनके साथ बर्बरता की, जिसमें गंभीर रूप से मारपीट और मानसिक यातना शामिल थी। परिजनों के मुताबिक, मोहित को मामूली विवाद के बावजूद कठोर शारीरिक यातना दी गई, जिससे उनकी तबीयत बिगड़ गई। इस मामले के प्रकाश में आने के बाद लखनऊ के पुलिस प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं।
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने इंस्पेक्टर अश्वनी चतुर्वेदी समेत कई अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ FIR दर्ज की है। पुलिस विभाग ने कहा है कि इस मामले में निष्पक्ष जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना के बाद लखनऊ में लोगों में भारी आक्रोश है। आम जनता और व्यापारी संगठनों ने मोहित की मौत पर रोष व्यक्त किया है और दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। कई सामाजिक संगठनों ने भी पुलिस हिरासत में होने वाली मौतों पर सवाल उठाए हैं और इस घटना की पारदर्शी जांच की मांग की है। मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्च पुलिस अधिकारी और जिला प्रशासन इस पर निगरानी बनाए हुए हैं।
मोहित पांडे के परिजनों ने मुख्यमंत्री और उच्च न्यायालय से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है ताकि दोषियों को सजा मिले और भविष्य में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो। प्रशासन ने मामले की त्वरित जांच का आश्वासन दिया है और कहा है कि अगर कोई भी पुलिसकर्मी दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।