Saturday, May 4, 2024

सभी मेडिकल व नर्सिग कॉलेजों में स्थापित होगा ई-ग्रंथालय

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देहरादून | सूबे के सभी मेडिकल और नर्सिग कॉलेज ई-ग्रंथालय से जुड़ेंगे। ऐसी व्यवस्था के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं। मेडिकल शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत शत प्रतिशत छात्र-छात्राओं का ई-ग्रंथालय में पंजीकरण किया जाएगा, ताकि मेडिकल छात्र देशभर के मेडिकल शिक्षण संस्थानों में उपलब्ध पुस्तकों, शोधपत्रों एवं पत्रिकाओं का अध्ययन कर सकेंगे। एनईपी-2020 के प्रावधानों के तहत उत्तराखंड के सभी शिक्षण संस्थानों में ई-ग्रंथालय को अनिवार्य कर दिया गया है। सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने यमुना कालोनी स्थित शासकीय आवास में चिकित्सा शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली। डॉ. रावत ने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग की तर्ज पर शीघ्र ही प्रदेशभर के निजी एवं राजकीय मेडिकल कालेजों तथा नर्सिग कॉलेजों को भी ई-ग्रन्थालय से जोड़ा जाएगा, जिसके निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिए गए हैं।

उन्होंने कहा कि मेडिकल शिक्षण संस्थानों के ई-ग्रंथालय से जुड़ने से मेडिकल एवं नर्सिग की पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को इसके माध्यम से कैटलागिंग की आधुनिक डिजिटल सुविधा के साथ-साथ विभिन्न मेडिकल कालेजों, नर्सिग कालेजों में उपलब्ध बेहतर पुस्तकें, शोधपत्रों एवं पत्रिकाओं सहित पठन-पाठन के अन्य संसाधन उपलब्ध हो सकेंगे।

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विभागीय मंत्री ने कहा कि ई-ग्रंथालय से सभी मेडिकल एवं नर्सिग छात्र-छात्राओं को जोड़ने के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि एनईपी 2020 के अंतर्गत प्रत्येक शिक्षण संस्थानों में डिजिटल लाइब्रेरी अनिवार्य कर दी गई है, इसलिए उत्तराखंड के तमाम शिक्षण संस्थानों में एनआईसी के सहयोग से ई-ग्रंथालय स्थापित किए जा रहे हैं।

डॉ. रावत ने बताया कि ई-ग्रंथालय के माध्यम से सभी मेडिकल एवं नर्सिग कालेज नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी से भी जुड़ सकेंगे। इसके लिए शीघ्र ही एनआईसी अलग से एक पोर्टल तैयार करेगी, जिसमें मेडिकल एवं नर्सिग कालेजों को अपना पंजीकरण कराना होगा। इसके बाद इसमें मेडिकल छात्र-छात्राओं का पंजीकरण किया जाएगा।

डॉ.धन सिंह रावत ने बताया कि इससे पहले उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत सभी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में ई-ग्रंथालय की स्थापना कर दी गई है, जिसमें 21 लाख से अधिक पुस्तकें उपलब्ध हैं।

बैठक में निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ.आशुतोष सयाना, कुलसचिव मेडिकल यूनिवर्सिटी प्रो.एम.के. पंत सहित एनआईसी के अधिकारी उपस्थित रहे।

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