जयपुर- राजस्थान में माध्यमिक शिक्षा विभाग के भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में एक मुख्य सरगना और निलंबित प्रधानाचार्य को उड़ीसा से गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि दूसरा मुख्य आरोपी अभी फरार है, जिसने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की है। उड़ीसा से गिरफ्तार किया गया आरोपी करोड़ों रुपए का मालिक है लेकिन वहां मैले कुचले कपड़ों में एक इमारत में मजदूरी करता मिला है, दूसरा आरोपी ऐशोआराम की जिंदगी जीने वाला व्यक्ति है जिसके सोशल मीडिया पर भी लाखों पफॉलोवर्स हैं। पुलिस ने उसके कोचिंग सेंटर पर बुलडोजर चला दिया था।
स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने वरिष्ठ अध्यापक (माध्यमिक शिक्षा विभाग) भर्ती परीक्षा के पेपर लीक करने वाले मुख्य सरगना और निलंबित उप प्रधानाचार्य (वाइस प्रिंसिपल) शेर सिंह मीणा को शुक्रवार को जज के आवास पर पेश किया। जहां आरोपित मीणा को 17 अप्रैल यानि दस दिन तक पूछताछ के लिए रिमांड पर भेज दिया गया । एसओजी की टीम अब पेपरलीक मुख्य सरगना शेरसिंह और पेपर खरीदने वाले मास्टरमाइंड भूपेंद्र सारण से आमने-सामने बैठाकर पूछताछ होगी।
इसी बीच राजस्थान हाईकोर्ट की मुख्य पीठ जोधपुर में सीनियर टीचर भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में फरार चल रहे मुख्य आरोपित सुरेश ढाका की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान जज ने ढाका की अनुसंधान डायरी पेश करने के आदेश दिए। इस मामले में अगली सुनवाई 21 अप्रेल को होगी। पेपर लीक मामले में फरार चल रहे आरोपित सुरेश ढाका पर राज्य सरकार ने 1 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा है।
ढाका ने गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका पेश की। जिस पर कल 5 अप्रैल को जस्टिस मदन गोपाल व्यास के कोर्ट में सुनवाई थी। ढाका की ओर से सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट एन हरिहरन ने पैरवी की। राज्य सरकार की ओर से डबल एजी अनिल जोशी व ट्रीपल एजी रजत छपरवाल ने पैरवी की।
डबल एजी अनिल जोशी ने तर्क देते हुए कहा कि इस मामले में बाकी आरोपी जेल में हैं। उनकी जमानत याचिका मंजूर नहीं की गई है। ढाका का आरोप भी उन्हीं के समकक्ष है। इस पर जज ने ढाका की अनुसंधान डायरी कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एटीएस और एसओजी अशोक राठौड़ ने बताया कि उड़ीसा से पकड़े गए पेपर लीक के मुख्य सरगना शेरसिंह को शुक्रवार एसओजी टीम जयपुर से उदयपुर लेकर पहुंची। जहां कोर्ट में छुट्टी होने के कारण एडीजे-1 के निवास पर आरोपित शेर सिंह को पेश किया गया। पेपर लीक के संबंध में पूछताछ के लिए दस दिन का रिमांड का आदेश मिलने के बाद एसओजी की टीम उसे उदयपुर से लेकर जयपुर रवाना हो गई।
एसओजी की टीम आरोपित शेर सिंह से यह जानकारी प्राप्त करेगी कि यह वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा का पेपर किससे लेकर आया था और यह पेपर उसने कितने में खरीदा था। साथ ही आरोपित शेर सिंह की प्रॉपर्टी की डिटेल के बारे में पूछा जाएगा। इसके अलावा रिमांड के दौरान पेपर लीक मुख्य सरगना शेर सिंह और पेपर खरीदने वाले मास्टरमाइंड भूपेंद्र सारण से आमने-सामने बैठाकर पूछताछ भी की जाएगी। फिलहाल भूपेंद्र सारण अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में बंद है।
गौरतलब है कि जेल में बंद आरोपित और मास्टरमाइंड भूपेन्द्र सारण ने पूछताछ में बताया था कि उसने जयपुर के चौमूं निवासी शेर सिंह मीणा से वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा का पेपर खरीदा था। इसके बाद यह पेपर सुरेश ढाका को बेचा गया और ढाका ने अपने साले सुरेश बिश्नोई के सहयोग से अभ्यर्थियों को 5-5 लाख रुपये में बेचा था। भूपेन्द्र सारण के पकडे जाने के बाद से ही शेर सिंह मीणा को अंदेशा हो गया था कि पुलिस उस तक भी पहुंच जाएगी। इसके बाद मीणा फरार हो गया था। एसओजी और उदयपुर पुलिस लगातार उसकी तलाश कर रही थी।
उदयपुर पुलिस ने चार दिन पहले शेरसिंह मीणा की गर्लफ्रेंड अनीता मीणा को जयपुर से गिरफ्तार किया था। पूछताछ में सामने आया कि शेरसिंह फरार रहते समय अपनी गर्लफ्रेंड के संपर्क में था। गर्लफ्रेंड के जरिए ही पता चला कि शेरसिंह ओडिशा में छिपा हुआ है। एसओजी की टीम तीन दिन पहले ओडिशा पहुंच गई। वहां पहुंचने के बाद एसओजी को पता लगा कि पेपर माफिया शेर सिंह मीणा कालाहांडी जिले के भवानीपटनम के आस-पास कहीं रह रहा है। इसके बाद टीम ने तलाश की तो भवानीपटनम से 40 किलोमीटर दूर एक गांव में सरकारी स्कूल की निर्माणाधीन बिल्डिंग के पास हुलिया बदलकर रह रहे शेरसिंह मीणा को पकडा।
पुलिस ने बताया कि महीनों से फरार- ओडिशा के कालाहांडी से वह एक निर्माण स्थल पर काम करने वाले मजदूर के
भेष में छिपा हुआ था, शुरू में, पुलिस टीम उलझन में थी क्योंकि मीणा गंदे कपड़े पहने और लंबी दाढ़ी रखे हुए था, वह एक सरकारी स्कूल के निर्माणाधीन भवन में काम कर रहा था, लेकिन गुरुवार को उसकी पहचान कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
जयपुर के चौमूं के डोला बास निवासी अनिल मीणा उर्फ शेर सिंह मीणा सिरोही जिले के एक गांव के सरकारी स्कूल में वाइस प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत था, जब उसने कथित तौर पर वरिष्ठ शिक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक कर दिया और उसे भूपेंद्र सारण को 1 करोड़ रुपये में बेच दिया।
सारण और सुरेश ढाका ने अन्य उम्मीदवारों को 8-10 लाख रुपये में पेपर बेचा। जब राज्य पुलिस के एसओजी ने सारण को बेंगलुरु से पकड़ा, तो मीणा ने आशंका जताई कि वह पुलिस सूची में अगला होगा और फरार हो गया। एसओजी और उदयपुर पुलिस लगातार उसकी तलाश कर रही थी।
हालांकि, पुलिस को मीणा के ठिकाने के बारे में उसकी प्रेमिका से सुराग मिला क्योंकि वह उसके साथ लगातार संपर्क में था। उदयपुर पुलिस ने 2 अप्रैल को मीणा की प्रेमिका अनीता मीणा को जयपुर से गिरफ्तार किया और उसी से मीणा के ओडिशा में छिपे होने की सूचना मिली थी। अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तारी से बचने के लिए मीणा ने 7 शहर बदले। सारण की गिरफ्तारी का पता चलने के बाद वह अपने गांव से भाग गया और जयपुर आ गया और वहां से दिल्ली और अंत में पंजाब, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश होते हुए ओडिशा चला गया।
एसओजी की टीम तीन दिन पहले ओडिशा पहुंची तो पता चला कि मीणा कालाहांडी के भवानीपटनम के पास कहीं रह रहा है। तब पता चला कि वह भवानीपट्टनम से 40 किलोमीटर दूर एक गांव में सरकारी स्कूल के निर्माण स्थल पर काम कर रहा है। मीणा राजस्थानी मजदूर के भेष में कच्चे मकान में रह रहा था।
राजस्थान पुलिस की टीम मीणा को लेकर जयपुर के लिए रवाना हुई, जहां उससे पूछताछ की जाएगी कि उसने कहां से और किसकी मदद से वरिष्ठ शिक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक किया था।
इस मामले में सुरेश ढाका एक मुख्य साजिशकर्ता के रूप में सामने आया था , सुरेश ढाका जयपुर में कोचिंग चलाता है। उसने अपने साले सुरेश बिश्नोई के जरिए अभ्यर्थियों तक प्रश्न पत्र पहुंचा दिया था। सुरेश बिश्नोई को तो पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है लेकिन फिलहाल ढाका पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।
वायरल फोटो से पता चल रहा है कि सुरेश ढाका की तगड़ी राजनीतिक पहुंच है। वो कई नेता और मंत्रियों का करीबी है। उसने मंत्रियों के साथ डिनर करते हुए फोटो अपलोड कर कर रखे हैं। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर उसके लाखों फॉलोअर्स हैं। सुरेश ढाका पर राज्य सरकार ने 1 लाख रुपए और उदयपुर एसपी विकास शर्मा ने 2500 रुपए का इनाम घोषित किया हुआ है।