रांची। सीएम हेमंत सोरेन के दिल्ली में शांति निकेतन स्थित आवास पर सोमवार को ईडी की दबिश के बाद झारखंड के सियासी गलियारे में हलचल तेज है। भाजपा ने सीएम सोरेन पर भगोड़ा होने का आरोप लगा दिया है।
पूर्व सीएम और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि राज्यपाल इस मामले में संज्ञान लेकर सोरेन को तलब करें और उनसे पूछें कि वे जांच एजेंसी से क्यों भाग रहे हैं?
मरांडी ने एक्स पर लिखा, “ईडी अधिकारियों के डर से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी के लापता होने की सूचना न्यूज़ चैनलों के माध्यम से प्राप्त हो रही है। अगर इस खबर में सत्यता है तो, यह झारखंड के लिए संवैधानिक संकट की स्थिति है। महामहिम राज्यपाल जी से निवेदन है कि वो मामले का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री को तलब कर जांच एजेंसी से भागने का कारण पूछें। झारखंड की साख और प्रतिष्ठा दांव पर है। अपनी इन हरकतों से हेमंत ने हमारे आदिवासी समाज की प्रतिष्ठा और गौरव को मिट्टी में मिलाने का काम किया है।”
मरांडी ने आगे लिखा, “झारखंड के डीजीपी ये जवाब दें कि मुख्यमंत्री हेमंत सुरक्षा प्रोटोकॉल तोड़कर रात को कैसे बाहर निकलकर भाग सकते हैं? सीएम की सुरक्षा में लगे कर्मियों को बर्खास्त करें और तत्काल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी को सुरक्षित रूप से हाजिर करें। आखिर एक राज्य का मुख्यमंत्री भगोड़ा कहलाने का पाप कैसे कर सकता है? शर्मनाक!”
झारखंड मुक्ति मोर्चा ने बाबूलाल के बयान पर पलटवार किया है। पार्टी के महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि बाबूलाल मरांडी को अगर सीएम हेमंत सोरेन से अपॉइंटमेंट चाहिए तो लिखित आवेदन दें। हमारी कोशिश होगी कि उनकी जल्द सीएम से मुलाकात करा दी जाए।
गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने भी इस प्रकरण को लेकर एक्स पर टिप्पणी की है। उन्होंने लिखा, “मैंने पहले ही कहा था कि झारखंड सरकार का महाधिवक्ता मेरे झारखंड के आन बान और शान वीर शिबू सोरेन जी के बेटे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी को भगोड़ा घोषित कर देगा। आज मेरी बात सही साबित होती दिख रही है। मीडिया की खबरों के अनुसार या तो हेमंत सोरेन जी भाग गए दिल्ली से या तो बीमार हो गए या तो अपहरण हो गया, झारखंड के राज्यपाल को उनके सुरक्षा अधिकारी को बर्खास्त करना चाहिए। झारखंड का नाक कट गया।”