खतौली। नगर पालिका प्रशासन ने पूर्व चेयरमैन से सभासद बने पारस जैन से शासकीय धन की वसूली के लिए उच्च न्यायालय में पैरवी तेज़ कर दी है। बताया गया कि कानूनी दांव पेंच में फंसने के चलते पूर्व चेयरमैन पारस जैन से पालिका के लगभग अस्सी लाख रुपयों की रिकवरी नहीं हो पा रही है।
पूर्व चेयरमैन पारस जैन से शासकीय धन की वसूली में तेज़ी लाने के लिए जिलाधिकारी अरविंद मलप्पा बंगारी ने उच्च न्यायालय के मुख्य स्थायी अधिवक्ता को पत्र भेजकर इस मामले में नगर पालिका परिषद खतौली स्तर से अब तक की गई कार्यवाही से अवगत कराया है। इस मामले में ईओ और नायब तहसीलदार स्तर से हाईकोर्ट में शपथ पत्र दाखिल किया जा चुका है।
वर्ष 2012 से 17 तक पारस जैन पालिका चेयरमैन रहे थे। वर्तमान में पारस जैन कस्बे के वार्ड 6 मोहल्ला गणेशपुरी से सभासद है। चेयरमैन रहते पारस जैन द्वारा कस्बे में कराए गए विकास कार्यों में से कुछ को शासन ने अतिरिक्त बजट खर्च करके कराया जाना माना है। लंबी जांच पड़ताल के बाद शासन ने शासकीय धन का दुरुपयोग होना मानकर पूर्व चेयरमैन पारस जैन पर 75.99 लाख रुपये से अधिक का बकाया निकालकर इनके विरुद्ध आरसी जारी कर दी थी।
बताया गया कि पारस जैन ने 25 अक्तूबर 2021 को वसूली पर रोक लगाने हेतु उच्च न्यायालय से स्टे हासिल कर लिया था तभी से यह मामला उच्च न्यायालय में लंबित चल रहा है। बताया गया कि पालिका परिषद खतौली द्वारा बीते वर्षों में इस मामले में उच्च न्यायालय में ढंग से पैरवी न करने के चलते पारस जैन से शासकीय धन की वसूली में देरी हो रही है।
कई माह पूर्व जिलाधिकारी द्वारा इस मामले का संज्ञान लेकर पालिका परिषद खतौली के अधिकारियों की क्लास ली गई थी। जिसके बाद पालिका स्तर से उच्च न्यायालय में पैरवी करने में कुछ तेज़ी आई थी। बताया गया कि इस प्रकरण में उच्च न्यायालय में बीती 6 नवंबर की तारीख नियत थी।
वर्तमान में उच्च न्यायालय की वेबसाइट पर अगली कोई तारीख शो नहीं हो रही है। जिसके चलते जिलाधिकारी ने उच्च न्यायालय के मुख्य स्थायी अधिवक्ता को पत्र भेजकर उन्हें अवगत कराया है कि पूर्व चेयरमैन पारस जैन के स्टे के विरुद्ध नायब तहसीलदार अमित रस्तौगी ने नौ सितंबर को महाधिवक्ता के कार्यालय में शपथ-पत्र दिया है। इसी तरह से पालिका के अधिशासी अधिकारी ने भी बीती 17 अक्टूबर को हाईकोर्ट में शपथ-पत्र लगाकर पारस जैन का स्टे खारिज किए जाने की मांग की है।