गाजियाबाद। स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सकों की कमी दूर नहीं हो पा रही है। लगातार चिकित्सक नौकरी छोड़कर जा रहे हैं। पिछले कुछ महीनों में ही परास्नातक (पीजी) की पढ़ाई के लिए आठ चिकित्सकों ने नौकरी छोड़ दी है। इसके पहले भी कई संविदा पर कार्य कर रहे कई चिकित्सक नौकरी छोड़ चुके हैं। जिसकी वजह से जिले भर के सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों के 112 पद रिक्त पड़े हैं।
जिला अस्पताल, सामुदायिक केंद्र सहित अरबन और रूरल हेल्थ पोस्ट पर चिकित्सकों की भारी कमी है। कई बार साक्षात्कार देने के बाद चिकित्सक ज्वाइन नहीं करते हैं। जो चिकित्सक ज्वाइन कर लेते हैं वह दो से चार महीने में ही पढ़ाई के नाम पर नौकरी छोड़ देते हैं। जिले में चार जिला स्तरीय अस्पताल, पांच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 15 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 53 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र,एक ब्लॉक स्तरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं।
इन केंद्रों पर चिकित्सकों के 364 पद हैं। पीएचसी और सीएचसी पर डॉक्टरों की कमी के कारण जिलास्तरीय अस्पतालों पर मरीजों का दबाव ज्यादा रहता है। सीएचसी व पीएचसी 112 पद पर 102 चिकित्सक नियुक्ति हैं और 10 पद रिक्त हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संविदा के 144 डॉक्टरों के पद हैं लेकिन नियुक्ति सिर्फ 118 पर ही है।
जिला स्तरीय अस्पतालों में भी नहीं हैं पूरे डॉक्टर : जिला एमएमजी अस्पताल में डॉक्टरों के 42 पद है लेकिन तैनाती 27 की है। जिला महिला अस्पताल में डॉक्टरों के 24 पद हैं लेकिन तैनाती केवल आठ की है। संजय नगर स्थित जिला संयुक्त अस्पताल में डॉक्टरों के 42 पद हैं लेकिन 24 चिकित्सक ही तैनात हैं।