लखनऊ। राज्य चुनाव आयोग ने नगर निकाय चुनाव की अधिसूचना 9 अप्रैल को जारी की है। उत्तर प्रदेश पुलिस राज्य में भयमुक्त और निष्पक्ष तरीके से चुनाव कराने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इसके लिए पुलिस मुख्यालय में चुनाव प्रकोष्ठ का गठन किया जा चुका है। यह बातें स्पेशल पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवथा प्रशांत कुमार ने मंगलवार को जारी अपने बयान में कही है।
उन्होंने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग ने इस साल राज्य में दो चरणों में चुनाव कराने का फैसला किया है। प्रथम चरण में चार मई को नौ मंडलों में जैसे कि सहारनपुर, मुरादाबाद, आगरा, झांसी, लखनऊ, गोण्डा, गोरखपुर, प्रयागराज एवं वाराणसी के 37 जिलों में मतदान होंगे।
इसी प्रकार द्वितीय चरण में 11 मई को मेरठ, हापुड़, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, बागपत, बुलंदशहर, बरेली, बदायूं, शाहजहांपुर, पीलीभीत, अलीगढ़, हाथरस, कासगंज, एटा, कानपुर नगर, फर्रूखाबाद, इटावा, कन्नौज, औरैया, कानपुर देहात, हमीरपुर, चित्रकूट, महोबा, बांदा, अयोध्य़ा, सुल्तानपुर, अम्बेडकर नगर, बाराबंकी, अमेठी, बस्ती, संत कबीरनगर, सिद्धार्थनगर, आजमगढ़, बलिया, मऊ, सोनभद्र, भदोही, मीरजापुर सहित 38 जिलों में वोटिंग होगी। सम्पूर्ण प्रदेश में 13 मई को मतगणना कराया जाएगा। इस दौरान आदर्श आचार संहिता पालन कराने के लिए सभी को निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ कोविड-19 गाइड लाइन का भी पालन कराया जाएगा।
उन्होंने बताया कि राज्य में नगर निकाय चुनाव के लिए कुल 13 हजार सात सौ सत्तावन मतदान केंद्र और 43 हजार दो सौ तिरसठ मतदान स्थल बनाए गए हैं, जो साल 2017 के मुकाबले 20 फीसदी ज्यादा है। इस चुनाव में चार करोड़ 32 लाख 29 हजार तीन सौ उन्यासी मतदाता अपने मत का प्रयोग करेंगे। जो साल 2017 के मुकाबले करीब 96 लाख 33 हजार आठ सौ 32 ज्यादा है।
शांतिपूर्ण चुनाव को सम्पन्न कराने के लिए 110 कंपनी पीएसी, 49 हजार एक सौ बावन होमगार्ड, लगभग 16 हजार दो सौ 52 निरीक्षक और उपनिरीक्षक, 91 हजार 185 मुख्य आरक्षी और आरक्षियों की ड्यूटी दोनों चरणों में लगायी जाएगी। इसके अतिरिक्त सीएपीएफ की 70 कंपनी की मांग की गई है।
इस चुनाव को शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न कराने के लिए जिला निर्वाचन अधिकारियों के साथ प्रशासनिक अधिकारियों द्वारामतदान केंद्र और मतदान स्थलों का सत्यापन कराया जाएगा। बीते वर्ष हुए चुनाव के दौरान निर्वाचन संबंधित घटित हिंसात्मक घटनाओं में नामित या प्रकाश में अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। चुनाव के दौरान अवैध शराब, अवैध शस्त्रों के खिलाफ भी अभियान चलाया जाएगा। लाइसेंसी शस्त्र धारकों का सत्यापान जिला मजिस्ट्रेट के द्वारा किया जाएगा। जिलों के सीमाओं पर चेकिंग की जाएगी। सोशल मीडिया पर होने वाली हर गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी।