नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) ने राज्यसभा सांसद संजय सिंह की प्रेस कॉफ्रेंस को रोकने का आरोप दिल्ली पुलिस और चुनाव अधिकारी अंशुल सक्सेना पर लगाया है। संजय सिंह ने आरोप लगाया कि उनकी प्रेस कॉफ्रेंस की तैयारी सुबह 10 बजे आंध्रा एसोसिएशन के गोदावरी ऑडिटोरियम में पूरी हो चुकी थी, लेकिन दिल्ली पुलिस के जवान और चुनाव अधिकारी ने उन्हें पत्रकारों से बात करने से रोक दिया।
प्रेस कॉफ्रेंस रोकने से नाराज संजय सिंह धरने पर बैठ गए, जिसके बाद मौके पर हंगामा मच गया। उन्होंने कहा, “हाथों में पोस्टर-बैनर भी नहीं था, चुनाव प्रचार भी नहीं करना था। यह प्रेस कॉफ्रेंस अरविंद केजरीवाल से जुड़ी डॉक्यूमेंट्री के बारे में थी। दिल्ली पुलिस की टीम और चुनाव अधिकारी अंशुल सक्सेना ने हमें प्रेस कॉफ्रेंस करने से रोक दिया। गोदावरी ऑडिटोरियम के गेट की चाबी भी नहीं दी गई।”
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संजय सिंह ने कहा कि वे इस मुद्दे को चुनाव आयोग के सामने उठाएंगे। उन्होंने सवाल उठाए कि “आखिर आम आदमी पार्टी की डॉक्यूमेंट्री से बीजेपी क्यों डर रही है?” और “किस वजह से डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग नहीं होने दी गई?”
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संजय सिंह के आरोपों पर चुनाव अधिकारी अंशुल सक्सेना ने सफाई दी। उन्होंने कहा, “हमने प्रेस कॉफ्रेंस पर कोई रोक नहीं लगाई थी। हमें जानकारी मिली थी कि पोस्टर-बैनर पहुंचे हैं, लेकिन चेक करने पर ऐसे कोई पोस्टर-बैनर नहीं पाए गए, इसलिए प्रेस कॉफ्रेंस की इजाजत दी गई।” उन्होंने यह भी कहा कि “संजय सिंह का आरोप बेबुनियाद और निराधार है। ऑडिटोरियम की चाबी की जानकारी उन्हें होगी क्योंकि उन्होंने ही उसे बुक किया था। प्रेस कॉफ्रेंस करने की पूरी छूट है, लेकिन अब वह प्रेस कॉफ्रेंस क्यों नहीं करना चाहते, यह हमें नहीं पता।”
इस विवाद ने राजनीति में नई गर्मी पैदा कर दी है, और आम आदमी पार्टी ने इसे बीजेपी की ओर से किसी तरह का दबाव बनाने की कोशिश के रूप में देखा है।