जलगांव। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और शिवसेना नेता गुलाबराव पाटिल ने शुक्रवार को जिला परिषद स्कूलों में विद्यार्थियों की घटती संख्या पर चिंता जाहिर करते हुए शिक्षकों से अपील की कि वे छात्रों की संख्या बढ़ाने की दिशा में प्रयास करें। उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान मजाकिया लहजे में कहा, “जिस तरह से नेता पार्टियों को तोड़ते हैं, उसी तरह आपको छात्रों को तोड़ना चाहिए।” हालांकि बाद में उन्होंने स्पष्ट किया कि यह बात उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में कही थी और इसका उद्देश्य किसी को ठेस पहुंचाना नहीं था।
पाटिल जलगांव जिले के ग्रामीण क्षेत्र में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे, जो मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की ‘माझी शाला, सुंदर शाला’ योजना के तहत तालुका स्तर पर पुरस्कार वितरण समारोह था। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जिले की जिला परिषद स्कूलों में वर्तमान में 43,000 विद्यार्थी पढ़ते हैं, लेकिन यह संख्या लंबे समय से स्थिर है और इसमें कोई उल्लेखनीय वृद्धि नहीं हुई है। उन्होंने इस स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि मराठी स्कूलों में अगर विद्यार्थी संख्या में बढ़ोतरी होती, तो राज्यभर में विशेष कोर्स कर चुके लगभग 50 हजार बेरोजगार युवाओं को काम मिल सकता था। उन्होंने कहा, “मैंने अपने जीवन में कई लोगों को दुख पहुंचाया हो सकता है लेकिन उसे मैंने अस्थायी रूप से कहा और फिर भूल गया। लेकिन मैंने कभी किसी शिक्षक को दुख नहीं पहुंचाया, क्योंकि हमारे दिल में शिक्षकों के लिए एक विशेष स्थान है।” उन्होंने शिक्षकों की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने में उनका योगदान अहम है और समाज को आगे ले जाने में वे अहम कड़ी हैं। इसके बाद उन्होंने कहा कि यह एक मजाकिया टिप्पणी थी और उसका उद्देश्य केवल यह बताना था कि विद्यार्थियों की संख्या कैसे बढ़ाई जा सकती है।