Monday, December 23, 2024

गाजियाबाद में करोड़ों के खर्चे के बाद भी हवा की सेहत खराब

गाजियाबाद। जिले की वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए 15 करोड़ से ज्यादा रुपये खर्च हो चुके हैं लेकिन नतीजा यह रहा कि इस साल शहर के लोगों को महज 11 दिन ही साफ हवा मिली पाई है। यह आंकड़ा पिछले वर्ष से भी कम है। चिंता की बात है कि लोगों को 187 दिनों में 114 दिन प्रदूषण झेलना पड़ा, जबकि 57 दिन सबसे खतरनाक स्थिति रही। करोड़ों रुपये खर्च के बावजूद बारिश ने दो दिन में प्रदूषण साफ कर दिया। राहत की बात है कि चार दिन से लगातार शहर का एक्यूआई ग्रीन जोन में है। रविवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) साल में सबसे कम 36 रही।

 

 

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की साइट पर रविवार सुबह से ही शहर का वातावरण साफ स्थिति में बना रहा। सुबह नौ बजे से ही एक्यूआई 40 पर बना था। शाम पांच बजे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एक्यूआई जारी किया जो इस साल में सबसे कम 36 रहा। आंकड़े बताते हैं कि एक जनवरी 2024 से सात जुलाई तक 11 दिन शहर का एक्यूआई ग्रीन जोन में रहा जिससे लोगों को राहत मिली, जबकि औसत श्रेणी में 114 दिन और बेहद खराब श्रेणी में 57 दिन रहा। 2023 में लोगों को सर्वाधिक 478 एक्यूआई पर मास्क लगाना पड़ा था। पिछले साल ही पीएम 2.5 मानक से काफी ज्यादा 76.10 दर्ज हुआ था।

 

 

नगर निगम की 15वें वित्त आयोग की बैठक में वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए 15 करोड़ से ज्यादा की राशि के प्रस्ताव पास हुए थे। इसमें शनि मंदिर से जीटी रोड तक राकेश मार्केट पर डेंस द्वारा सड़क एवं नाली निर्माण का कार्य- 98 लाख रुपये, कालकागढ़ी चौक से होली चाइल्ड चौक होते हुए पुल के ऊपर डेंस द्वारा सड़क मरम्मत का कार्य- 51 लाख रुपये, नवयुग मार्केट में जीडीए के कोने से सिद्धार्थ स्कूल, दुर्गा भाभी चौक, हापुड़ रोड वाल्मीकि पार्क के कोने तक, उडुप्पी होटल के सामने, आंबेडकर पार्क के पीछे सड़क सुधार का कार्य- एक करोड़ 67 लाख रुपये, कनावनी पुलिया से गुर्जर चौक तक सड़क सुधार कार्य-एक करोड़, आरडीसी में पिंक शौचालय से हिंट चौक तक मरम्मत कार्य- 6 करोड़ 43 लाख रुपये, मेरठ रोड से वरदान अस्पताल तक सड़क निर्माण कार्य- 2 करोड़ 12 लाख रुपये, मेरठ रोड से सिहानी गार्बेज फैक्टरी तक सड़क निर्माण कार्य- एक करोड़ 6 लाख, डायमंड तिराहे से विवेकानंद तिराहे तक मरम्मत कार्य- एक करोड़ 12 लाख और राजनगर के विभिन्न सेक्टर में एक करोड़ 60 लाख से डेंस कार्य शामिल थे।

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