Thursday, November 21, 2024

“खेत में उपजे सब कोई खाय, घर में उपजे घर बह जाये”

खेत में उपजे सब कोई खाय, घर में उपजे घर बह जाये। फूट नाम का फल यदि खेत में पैदा हो तो सब चाव से खाते हैं और फूट यदि घर में पैदा हो जाये तो घर के विनाश का कारण बन जाती है। परस्पर फूट का कुपरिणाम होता है।

इस सम्बन्ध में कथा सागर में एक बहुत ही रोचक कथा आती है। पुत्रक नाम का एक व्यक्ति जंगल में घूम रहा था। घूमते-घूमते उसने एक स्थान पर दो युवकों को लड़ते देखा। पुत्रक ने उनसे लड़ने का कारण पूछा तो वे बोले कि वे मायासुर के पुत्र हैं और अपने पिता की सम्पत्ति के लिए लड़ रहे हैं। जो हममें से विजयी होगा, वही उस सम्पत्ति का स्वामी बनेगा।

पुत्रक ने पूछा कि ऐसी कौन सी सम्पत्ति है, जिसके लिए तुम दोनों एक दूसरे के प्राण लेने पर उतारू हो। यह सुनकर उन्होंने वहां रखे एक जोड़े खड़ाऊ, एक डंडे और एक कटोरे की ओर संकेत किया कि यह सम्पत्ति है, जिसके लिए हम लड़ रहे हैं। पुत्रक बोला इन साधारण सी वस्तुओं के लिए लड़ना ठीक नहीं। तब मायासुर के पुत्रों ने बताया कि यह साधारण सम्पत्ति नहीं है। इन खड़ाऊओं को पहनकर मनुष्य आकाश में गमन कर सकता है। इस डंडे पर जो लिखा जायेगा वह सत्य हो जायेगा और जिस वस्तु की इच्छा हो वह कटोरे में उपस्थित हो जायेगी।

पुत्रक ने कहा कि कुछ भी हो इनके लिए लड़ना उचित नहीं। तुम दोनों दौड़ लगाओ, जो तुम लोगों में आगे निकलेगा, वही जीता हुआ माना जायेगा। उसे ही ये वस्तुएं मिलेगी।

पुत्रक की सलाह मानकर दोनों ने दौड़ना शुरू किया। जब वे कुछ दूर निकल गये तो पुत्रक खड़ाऊ पहनकर डंडा और कटोरा हाथ में लेकर आकाश में उड़ गया।

कथा के सत्यासत्म के विवेचन में न जाकर उसकी शिक्षा पर ध्यान दें। जब आपस में भाई-भाई लड़ते हैं तो तभी तीसरा विदेशी आकर पंच बन जाता है। हम भारतवासी आपस में लड़ते रहे और विदेशी आकर हम पर शासक बन गये। सच है आपस की फूट में विनाश निश्चित है।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,306FansLike
5,466FollowersFollow
131,499SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय