Saturday, May 11, 2024

तुर्की और सीरिया में भारी भूकंप से 2500 की हुई मौत, खराब मौसम के चलते और खराब हुए हालात

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अंकारा/ दमिश्क। मध्य तुर्किये और उत्तर-पश्चिम सीरिया में सोमवार को तेज भूकंप के बाद अबतक 2500  से अधिक लोगों की मौत हो गई है और हजारों लोग घायल हैं। ठंड के मौसम में कई हजारों लोगों के घायल और बेघर होने से हालात बेहद खराब हो गए हैं, वहीं मौसम के कारण राहत बचाव कार्य में भारी बाधा आ रही है।

7.8 की तीव्रता वाले भूकंप ने तुर्किये के शहरों में कई अपार्टमेंट कई ब्लॉकों को धराशायी कर दिया और वहीं कई साल से युद्ध झेल रहे विस्थापित लाखों सीरियाई लोगों पर भूकंप ने तबाही मचाई है। तुर्किये में खराब मौसम के बीच सूर्योदय से पहले इस सदी का सबसे भयानक भूकंप आया और इसके बाद दोपहर में 7.7 और 7.6 की तीव्रता के दो बड़े भूकंप से हालात और भी खराब हो गए।

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सीरिया के उत्तरी शहर अतरेब के अब्दुल सलाम अल-महमूद ने कहा कि यह सर्वनाश की तरह है, यहां कड़ाके की ठंड है और भारी बारिश हो रही है, इससे लोगों को बचाने की जरूरत है। दूसरे भूकंप से और इमारतों को जमींदोज कर दिया, भूकंप का दूसरा और तीसरा तेज झटका भी पहले की तरह था। जिसके बाद मलबे से हताहतों को निकालने और राहत बचाव कार्य में जुटे बचावकर्मियों के लिए संघर्ष और खतरा अधिक बढ़ गया।

दक्षिण-पूर्व तुर्किये के दियारबाकिर में, सात मंजिला ब्लॉक के मलबे के बगल में बात कर रही एक महिला ने कहा कि हमारा घर झूले की तरह झूल गया था। घर में हम में से नौ लोग थे। मेरे दो बेटे अभी भी मलबे में हैं। मैं उनका इंतजार कर रही हूं। इस हादसे में महिला का हाथ टूट गया है और उसके चेहरे पर चोट के निशान आए हैं।

अगस्त 2021 में दूरस्थ दक्षिण अटलांटिक में भूकंप के बाद से अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण द्वारा दुनिया भर में दर्ज किया गया यह भूकंप सबसे बड़ा भूकंप था।

तुर्किये के उपराष्ट्रपति फुआत ओकटे ने बताया मरने वालों की संख्या बढ़कर 1,541 हो गई है। वहीं विद्रोहियों द्वारा नियंत्रित उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में दमिश्क सरकार और बचावकर्मियों के आंकड़ों के अनुसार, सीरिया में कम से कम 928 लोग मारे गए।

तुर्किये के दक्षिण में सबसे बुरी तरह प्रभावित शहरों में खराब इंटरनेट कनेक्शन और क्षतिग्रस्त सड़कें, लाखों लोगों के बेघर होने से राहत बचाव कार्य प्रभावित हुआ है।

कुछ क्षेत्रों में तापमान रात भर में शून्य से नीचे जाने की उम्मीद है, मलबे के नीचे फंसे या बेघर हुए लोगों के लिए स्थिति बिगड़ती जा रही थी। सप्ताहांत में देश में आए बर्फीले तूफान के बाद सोमवार को बारिश हो रही थी।

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