मुजफ्फरनगर। फर्जी शादी करने के गोरख धंधे में मुजफ्फरनगर पुलिस ने जिले में कई आर्य समाज समेत अन्य संस्थाओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
बिना सत्यापन के कूट रचित दस्तावेजों पर शादी का प्रमाण पत्र जारी करने वाली आर्य समाज शहर, आदर्श कॉलोनी, खतौली और वैदिक भारत फाउंडेशन के पदाधिकारियों के खिलाफ यह एफआईआर हाईकोर्ट के आदेश पर गठित हुई जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर दर्ज की गई है।
सिविल लाइन थाना प्रभारी आशुतोष कुमार की तरफ से दर्ज हुई एफआईआर में बताया गया है कि मानसी एवं अन्य बनाम स्टेट ऑफ यूपी और तीन अन्य प्रकरणों में 17 अक्तूबर को उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने एसएसपी मुजफ्फरनगर को
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निर्देशित किया था कि इस प्रकरण में एक विधिवत जांच कमेटी गठित की जाए। यह कमेटी उन संस्थाओं, ट्रस्ट और सोसायटी के खिलाफ कार्रवाई करेगी, जो फर्जी आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र और मार्कशीट के आधार पर नाबालिग बच्चों को बालिग दिखाकर उनकी फर्जी शादियों के प्रमाण पत्र तैयार करते हैं।
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एसएसपी ने प्रभारी निरीक्षक सिविल लाइन, संयुक्त निदेशक अभियोजन नगर और पुलिस अधीक्षक नगर की एक जांच कमेटी गठित की थी। 9 दिसंबर को दी गई समिति की रिपोर्ट में आर्यसमाज शहर,आदर्श कॉलोनी समेत वैदिक भारत फाउंडेशन तेजलहेडा आदि के कई पदाधिकारियों के नाम सामने आए।
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जांच रिपोर्ट के अनुसार, इन संस्थाओं के पुरोहितों द्वारा हिन्दू विवाह अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए शादी के इच्छुक वर-वधु के आवश्यक दस्तावेजों का बिना सत्यापन किये कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर शादियों का प्रमाण पत्र जारी किया जा रहा था। यह प्रथम दृष्टया संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है। पुलिस ने इन संस्थाओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है। इस मुकदमे से संस्था संचालकों में हड़कंप मच गया है।
पुलिस अधीक्षक नगर सत्यनारायण प्रजापत ने बताया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा निर्देश दिए गए थे कि फर्जी ढंग से शादी कराने वाली संस्थाओं की जांच करके प्रभावी कार्यवाही की जाए ।
इस संबंध में एसएसपी अभिषेक सिंह के निर्देश पर ऐसी संस्थाओं की जांच कराई गई जहां शादियां कराई जाती है। इसके लिए उनकी अध्यक्षता में एक टीम बनाई गई जिसमें सीओ सिटी, सिविल लाइन थाना प्रभारी समेत अन्य अधिकारी शामिल थे। इस टीम ने जांच की तो रजिस्टर में पाया गया कि आर्य समाज समेत शादी कराने वाली अन्य संस्थाओं में बिना वैध कागजों के शादियां कराई जा रही है।
उन्होंने बताया कि जांच में पाया गया की शादी के रजिस्टर में दो गवाह का होना जरूरी होता है जबकि कई शादियों में एक गवाह और कई शादियों में एक भी गवाह ना होना पाया गया है, साथ ही एक ही गवाह कई कई शादियों में गवाही देता मिला है ।
एसपी सिटी ने बताया कि हिंदू विवाह कानून के अनुसार सप्तपदी एक वैधानिक प्रक्रिया है, उसका पालन भी नहीं मिला,जिसके चलते ऐसी सभी संस्थाओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है जो इस तरह से फर्जी शादियां करा रही थी।
सिविल लाइन के थाना प्रभारी आशुतोष सिंह ने बताया कि थाना सिविल लाइन में मुकदमा अपराध संख्या 366 दर्ज किया गया है, जिसमें धारा , 318 (4),338,336(3), 340(2) और 61 (2) के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया है।उन्होंने बताया कि इस मामले में आर्य समाज शहर के प्रधान मुकेश आर्य पुत्र राजवीर सिंह निवासी ग्राम दूधली थाना चरथावल समेत वैदिक भारत फाउंडेशन तेजाललहेड़ा के अध्यक्ष सोरन सिंह पुत्र नंदराम समेत सतीश कुमार पुत्र स्वर्गीय धर्मवीर सिंह निवासी मडकरीमपुर थाना खतौली, आर्य समाज आदर्श कॉलोनी के अध्यक्ष बलजीत सिंह सैनी एवं अमित त्यागी समेत इन संस्थानों में विवाह कराने वाले पुरोहितों को भी अभियुक्त बनाया गया है । उन्होंने बताया कि पूरे प्रकरण की जांच कर दोषियों के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी।