मुरादाबाद। सपा नेता आजम खान की सल्तनत उजाड़ने वाले वरिष्ठ आईएएस अधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह की यूपी से वापसी हो रही थी लेकिन अंतिम क्षणों में उन्हें एक साल का एक्सटेंशन और दे दिया गया है।
जिस कलेक्टर ने एक जमाने में आजम की संपत्तियों को ध्वस्त कराया था, जिसने सपा के कद्दावर नेता पर ताबड़तोड़ मुकदमे कराए थे और जिसने उनके परिवार तक को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया था, अब उसे ही यूपी से विदा होना पड़ रहा था लेकिन शनिवार रात केंद्र सरकार ने उन्हें एक साल का और समय दे दिया है।
आपको बता दें कि रामपुर जिले के डीएम रहे आन्जनेय सिंह फिलहाल मुरादाबाद मंडल के कमिश्नर के रूप में काम कर रहे थे। अब उन्हें 2 महीने की ट्रांसफर लीव पर भेज दिया गया था । छुट्टी से लौटने के बाद उन्हें अपने कोर कैडर में चले जाना था। आन्जनेय सिंह 2005 बैच के सिक्किम काडर के आईएएस हैं।
आन्जनेय को अखिलेश यादव की सरकार में ही यूपी में डेपुटेशन मिला था और वो 16 फरवरी 2015 को इंटरस्टेट डेपुटेशन के नियमों पर यूपी में आए थे। नियमानुसार 5 साल तक आन्जनेय डेपुटेशन पर रह सकते थे। 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले फरवरी महीने में आन्जनेय को यूपी के रामपुर जिले का डीएम बनाया गया। इसके 1 साल बाद आन्जनेय का 5 वर्षीय डेपुटेशन पूरा होना था। हालांकि आन्जनेय ने जब डीएम बनने के बाद आजम खान पर शिकंजा कसना शुरू किया तो केंद्र ने उनके डेपुटेशन को 2 साल के लिए और बढ़ा दिया।
आन्जनेय ने इसी दौरान तमाम ऐसी संपत्तियां आजम और उनके परिवार से मुक्त कराई, जिनपर अवैध कब्जे का आरोप था। इसके अलावा उन्होंने आजम खान को भूमाफिया तक घोषित कर दिया। आन्जनेय के कलेक्टर रहते आजम खान पर 6 दर्जन मुकदमे दर्ज हुए। इसमें कुछ मामलों में हालत ये हुई कि आजम को जेल और सजा तक का सामना करना पड़ा। वहीं जौहर यूनिवर्सिटी में किसानों की जमीन पर कब्जा करने के आरोप में करीब 27 किसानों ने आजम खान के ऊपर मुकदमे दर्ज करवाए।
7 वर्ष की समयावधि पूरी होने पर आन्जनेय 1 और साल यानी 2023 तक डेपुटेशन पर रहे, लेकिन अब ये समय भी पूरा हो गया है। आन्जनेय को बीच में मुरादाबाद का कमिश्नर बनाकर प्रमोट कर दिया गया था, हालांकि कमिश्नर रहते हुए रामपुर का चुनाव कराने पर उन पर धांधली के आरोप लगे थे। अब आन्जनेय के डेपुटेशन का वक्त पूरा हो गया है।
योगी सरकार चाहती थी कि डेपुटेशन का वक्त 1 साल और बढ़ाया जाए, लेकिन दिल्ली से ऐसा कोई संकेत नहीं मिल रहा था।
केंद्र को भेजी यूपी सरकार की चिट्ठी का भी कोई जवाब नहीं आया तो आन्जनेय 2 महीने की ट्रांसफर लीव पर भेजे दिए गए और माना जा रहा था कि वे अब सिक्किम में अपना मूल कैडर जॉइन कर लेंगे। सपा का कहना था कि काम निकलने के बाद सरकार ने अपने सबसे खास अफसर को साइडलाइन कर दिया है।
इसी बीच आंजनेय कुमार सिंह को केंद्र ने उत्तर प्रदेश में बने रहने के लिए एक साल का और सेवा विस्तार दे दिया है। 2005 के सिक्किम बैच के कैडर मुरादाबाद के आयुक्त के रूप में कार्यरत थे, उनका कार्यकाल 16 फरवरी को समाप्त हुआ।
सूत्रों ने बताया कि अधिकारी ने सरकार में सेवा विस्तार के लिए आवेदन किया था, जिसे कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने शनिवार को मंजूर कर लिया।
सिंह को 2015 में अंतरराज्यीय प्रतिनियुक्ति पर उत्तर प्रदेश भेजा गया था। उन्हें पहले विशेष सचिव सिंचाई और जल संसाधन नियुक्त किया गया और जुलाई 2016 में जिलाधिकारी के रूप में बुलंदशहर स्थानांतरित कर दिया गया।
अप्रैल 2017 में, उन्हें वाणिज्य कर का अतिरिक्त आयुक्त बनाया गया, उसके बाद फतेहपुर और फिर रामपुर के जिला मजिस्ट्रेट के रूप में उनका कार्यकाल रहा। मार्च 2021 में उन्होंने मुरादाबाद के कमिश्नर का पद संभाला था। आन्जनेय कुमार सिंह अभी अवकाश पर चल रहे हैं और सोमवार को मुरादाबाद पहुंचकर पुनः कमिश्नर का चार्ज ले लेंगे।