Thursday, July 25, 2024

पुरबालियान में 36 साल से लटकी चकबंदी से किसान परेशान, नाराज किसानों ने अपर आयुक्त को घेरा

मुजफ्फरनगर। सरकारी मशीनरी की सुस्ती के चलते 36 साल से चकबंदी विभाग के अधिकारियों के हाथों का खिलौना बनकर कठपुतली की भांति नाचने को विवश हुए पुरबालियान के किसानों का धैर्य जवाब दे गया। इस गांव के किसानों ने भारतीय किसान यूनियन के नेता के साथ जिला मुख्यालय पहुंचकर यहां पर विभागीय कामकाज की समीक्षा करने के लिए लखनऊ से आये अपर आयुक्त चकबंदी का बैठक के दौरान ही घेराव करते हुए जमकर हंगामा किया।

किसानों ने विभागीय अधिकारियों पर उनके गांव, खेती और परिवार को बर्बाद करते हुए मानसिक और आर्थिक रूप से गंभीर उत्पीड़न तथा शोषण करने का आरोप लगाते हुए जांच के साथ ही तीन दशकों से लटकी गांव की चकबंदी को पूर्ण कराये जाने की मांग करते हुए चेतावनी दी कि यदि ऐसा नहीं हो पाया, तो किसान और ग्रामीण अपने खेत और घर-घेर छोड़कर पशु और परिवार के साथ गांव से पलायन कर देंगे। किसानों के हंगामे के बाद अपर आयुक्त चकबंदी ने मौके पर ही विभागीय अफसरों को जमकर फटकार लगाई और 15 दिन का समय किसानों से मांगा।

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अपर आयुक्त चकबंदी व विशेष सचिव राजस्व अनुराग पटेल शुक्रवार को लखनऊ से जनपद मुजफ्फरनगर में विभागीय समीक्षा के लिए पहुंचे थे। उनके द्वारा आज विकास भवन स्थित सभागार में विभागीय अधिकारियों के साथ मीटिंग की जा रही थी। इसी बीच भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश सचिव नीरज पहलवान के साथ गांव पुरबालियान के सैंकड़ों किसान और ग्रामीण विकास भवन परिसर में पहुंचे और जबरन ही सभागार में जा घुसे। इनमें महिलाएं भी शामिल थीं।

किसानों ने अपर आयुक्त चकबंदी अनुराग पटेल के समक्ष ही धरना शुरू कर दिया और चकबंदी अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाने शुरू कर दिये। किसानों ने हंगामा करते हुए कहा कि चकबंदी में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है और इसी भ्रष्टाचार के कारण किसानों को परेशान किया जा रहा है।

इस बीच भाकियू नेता नीरज पहलवान ने अपर आयुक्त चकबंदी अनुराग पटेल को बताया कि पिछले 36 साल से गांव पुरबालियान में चकबंदी का कार्य चल रहा है, जो विभागीय स्तर पर आज तक भी पूरा नहीं कराया गया है। इससे काफी किसान बर्बादी की कगार पर पहुंच रहे हैं। न तो वो अपने खेतों की देखभाल कर पा रहे हैं और न ही परिवार का पालन पोषण हो पा रहा है। उन्होंने अपर आयुक्त चकबंदी के समक्ष ही जिले के चकबंदी विभाग के अधिकारियों पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि भ्रष्टाचार इतना है कि विभाग को लेकर किसानों से पैसा लेना आता है।

किसानों के हंगामे और आरोपों को लेकर अपर आयुक्त चकबंदी भी काफी नाराज नजर आये। उन्होंने बैठक के दौरान ही विभागीय अधिकारियों से जवाब तलब किया और किसानों को शांत करते हुए कहा कि वो 15 दिन में पूरा मामला पारदर्शिता के साथ निपटायेंगे।

उन्होंने कहा कि इस मामले में पूरी ईमानदारी से जांच होगी और जो भी अधिकारी या कर्मचारी दोषी पाया जायेगा, उसके खिलाफ कार्यवाही होने के साथ ही गांव की चकबंदी प्रक्रिया को पूर्ण कराया जायेगा। अपर आयुक्त चकबंदी के आश्वासन पर किसानों ने हंगामा बंद किया और बैठक से बाहर निकल गये।

बाद में पत्रकारों से वार्ता करते हुए भाकियू नेता नीरज पहलवान ने बताया कि 36 वर्षों से चकबंदी पुरबालियान में चल रही है। यहां से लेकर लखनऊ के अधिकारियों से मिलकर चकबंदी विभाग पूरे गांव को चट कर चुके हैं। दस साल से बड़ा खेल चल रहा है। दस-दस साल किसानों को खेतों में खाद डलवाये हुए हो गये हैं। आज किसानों को पता चला कि लखनऊ से चकबंदी अपर आयुक्त अनुराग पटेल यहां पर विभागीय समीक्षा के लिए आ रहे हैं। उनको ब्यूरोक्रेसी में ईमानदार और सख्त कार्यप्रणाली वाला अधिकारी माना जाता है। इसलिए ही यहां पर किसान अपनी समस्या को बताने के लिए आये हैं।

उन्होंने कहा कि आज ही हमें पता चला है कि चकबंदी करने के लिए गांव में सात टीमों को लगाया गया है, लेकिन एक भी टीम वहां पर नहीं पहुंचती है। पिछले दस साल से यह खेल चल रहा है कि चकबंदी विभाग के अधिकारी और कर्मचारी गांव में पहुंचकर खेतों में निशाबंदी कर खूंटे गडवाकर आ जाते हैं और फिर कोई सुध नहीं ली जाती। बाद में ये खूंटे भी उखड़ जाते हैं। अपर आयुक्त चकबंदी अनुराग पटेल ने किसानों से 15 दिन का समय मांगा है, हमें आशा है कि वो इस मामले में गंभीरता के साथ कार्यवाही करेंगे और किसानों की समस्या का समाधान कराया जायेगा।

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