नोएडा। मांगों को लेकर एक महीने से नोएडा अथॉरिटी के बाहर धरना-प्रदर्शन कर रहे किसानों ने सोमवार को विधायक पंकज सिंह के ऑफिस पर धावा बोल दिया और जमकर हंगामा किया। किसानों की पुलिस बल से भी जमकर झड़प हुई। विधायक पंकज सिंह ने भी किसानों से मिलकर उनके हक की बात की और कहा कि नोएडा अथॉरिटी के चेयरमैन, जो आईडीसी हैं, लखनऊ में बैठकर तमाशा न देखें। मैं 15 दिनों का समय दे रहा हूं।
इतना ही समय उद्योग मंत्री को भी दे रहा हूं। जल्दी से समस्या का समाधान करें। रोज का धरना-प्रदर्शन हम सब यहां बैठकर देखते हैं। विधायक के आश्वासन के बाद किसान शांत हुए। नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के सामने पंकज सिंह आज काफी नाराज दिखे और चिल्लाते हुए कहा, “उन (IDC) से कहिए कि लखनऊ में बैठकर तमाशा न देखें।
किसानों की समस्या का समाधान होना चाहिए।” उन्होंने कहा कि किसानों की सभी 15 सूत्रीय मांगे जरूरी हैं, इन पर विचार होना चाहिए। विधायक ने कहा कि हम जनप्रतिनिधि हर रोज किसानों का धरना-प्रदर्शन झेल रहे हैं और इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कमिश्नर(IDC) लखनऊ में बैठकर तमाशा देखते हैं। प्राधिकरण के अधिकारी के समक्ष कड़क सुर में विधायक ने कहा कि उनसे कहिए, लखनऊ में बैठकर तमाशा नहीं देखें। किसानों का समस्या का समाधान होना चाहिए।
इस पर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी ने किसानों की तीन प्रमुख मांगों की बात कही तो उन्होंने हड़काते हुए कहा कि किसानों की सभी 15 सूत्री मांगें महत्वपूर्ण हैं। इन पर विचार किया जाना चाहिए। किसानों का लीडर नहीं होने की बात पर विधायक ने कहा कि किसानों की मांग को मैं उठा रहा हूं। मुझे ही लीडर मानिए। इनकी शिकायतों के समाधान की कार्रवाई करिए। नोएडा विधायक के तेवर को देखकर किसान भी तालियां बजाने लगे।
दरअसल, किसान एक महीने से नोएडा प्राधिकरण पर प्रदर्शन कर रहे हैं। सोमवार को भी पहले किसान सेक्टर-6 स्थित प्राधिकरण के कार्यालय पर जमा हुए। इसके बाद वहां से पैदल मार्च करते हुए दोपहर बाद सेक्टर-26 स्थित विधायक के घर पहुंचे। यहां पुलिस ने बैरिकेड कर रखी थी। किसानों ने पहले मांग कर दी कि उन्हें विधायक से मिलना है। इसके बाद विरोधी नारेबाजी की। किसानों को आगे जाने से रोकने पर वो उग्र हो गए। किसानों ने बैरिकेड तोड़ दिया और आगे बढ़ गए। पुलिस के समझाने के बाद किसान शांत हुए।
इस दौरान पुलिस और किसानों के बीच खूब नोकझोंक हुई। नौबत खींचातानी तक आ गई। इसके बाद प्राधिकरण अधिकारियों की एक टीम वहां पहुंची। साथ ही विधायक के मिलने के आश्वासन के बाद किसान वहीं बैठ गए। किसान अपनी मांगों को लेकर कई दिनों से धरना दे रहे हैं। जिनमें 1997 के बाद के सभी किसानों को बढ़ी दर से मुआवजा देने की मांग शामिल है। इसके साथ किसानों को 10 प्रतिशत विकसित भूखंड देने, आबादी जैसी है वैसी छोड़ने, विनियमितीकरण की 450 वर्गमीटर सीमा को बढ़ाकर 1000 प्रति वर्गमीटर करने, भूमि उपलब्धता न होने के कारण पात्र किसानों के 5 प्रतिशत आबादी भूखंड भूलेख विभाग में नहीं रोकने, उनका नियोजन करने जैसी मांगें भी शामिल हैं।