ग्रेटर नोएडा। अपनी मांगों और जेल में बंद किसानों की बिना शर्त रिहाई को लेकर सोमवार को प्रमुख सचिव औद्योगिक अनिल सागर के साथ किसानों के 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की बैठक हुई। इस बैठक में नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना विकास प्राधिकरण के एसीईओ और एडिशनल कमिश्नर शिवहरी मीणा मौजूद रहे। इससे पहले गौतमबुद्ध नगर के डीएम मनीष कुमार वर्मा के साथ भी संयुक्त किसान मोर्चा के सभी 15 घटक दलों की मीटिंग हुई।
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दोनों मीटिंग में संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन के दौरान जेल में बंद नेताओं और किसानों की बिना शर्त रिहाई की बात प्राथमिकता से रखी। वहीं, किसान नेताओं के घर के सदस्यों और महिलाओं को थाने में बुलाने और प्रताड़ित करने की कवायद तुरंत प्रभाव से रोके जाने की मांग भी की। संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल ने स्पष्ट किया कि वार्ता और संवाद से ही समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। किसानों ने कहा कि शासन-प्रशासन और सरकार संयुक्त किसान मोर्चा के आंदोलन को अपनी बातों को मनवाने का एक माध्यम मात्र ही समझा जाए और गौतमबुद्ध नगर के आंदोलन को देश में अन्यत्र स्थान पर हो रहे आंदोलन के साथ जोड़कर नहीं देखा जाए।
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किसानों ने मांग की है कि सर्वप्रथम तुरंत प्रभाव से संयुक्त किसान मोर्चा का एक डेलिगेशन जेल में मीटिंग के लिए भेजा जाए। जिससे वार्ता का यह दौर आगे की तरफ चले और जेल में बंद नेताओं से बात कराई जाए। किसानों की मांग को लेकर एडिशनल कमिश्नर शिवहरी मीणा और डीएम गौतमबुद्ध नगर दोनों ने ही पुलिस के इन क्रियाकलापों पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाने और किसानों की बिना शर्त रिहाई के लिए आश्वस्त किया। प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास ने आंदोलन के मुद्दों पर विस्तृत चर्चा कर मांगों पर आश्वासन दिया। इस मौके पर किसानों ने कहा कि उनके संगठनों में कोई फूट नहीं है।
हम सभी एक साथ हैं और आगे बढ़ रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने उम्मीद जताई है कि इस मीटिंग के बाद शासन-प्रशासन सकारात्मक रवैया अपनाएगा और अफरा-तफरी के इस माहौल को खत्म करके संवाद की तरफ आएंगे। संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि सबसे पहले जेल में बंद अपने नेताओं और किसानों को बाहर लाएगा और फिर संवाद की रणनीति के तहत जिन मुद्दों पर आंदोलन शुरू हुआ था, उन्हें आगे लेकर चलेगा और समाधान करेगा।