नयी दिल्ली। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज संसद में कहा कि केन्द्र सरकार के 2014 के बाद से किसानों की आय में वर्ष 2018-19 तक करीब पांच गुना वृद्धि हो चुकी थी और नये आंकड़े आने पर यह उससे भी दोगुना होने की संभावना है।
चौहान ने लोकसभा में आज प्रश्नकाल में किसानों की आय से जुड़े एक सवाल के जवाब में कहा कि वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के आने के पहले वर्ष 2013-14 में किसानों की औसत आय 2115 रुपए हुआ करती थी जो वर्ष 2018-19 में बढ़ कर 10218 रुपए हो गयी थी। उसके बाद अब तक कोई गणना नहीं हुई है। अगले साल किसानों की आय की गणना की जानी है। उन्हें विश्वास है कि किसानों की आय इस आंकड़े की दोगुनी से अधिक दर्ज की जाएगी।
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चौहान ने कहा कि सरकार ने 2014 से ही किसानों की आय को दोगुना करने का संकल्प लिया था। इसके लिए छह सूत्रीय योजना पर काम किया गया है जिसमें कृषि उत्पादन बढ़ाना, उत्पादन की लागत कम करना, कृषि पर लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य देना, किफायती वित्तीय सहायता देना, कृषि विविधीकरण और जैविक खेती को बढ़ावा देना शामिल है। उन्होंने कहा कि मोटे अनाज के उत्पादन को भी बढ़ावा दिया गया है।
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किसान सम्मान निधि के अंतर्गत बहुत से राज्यों में किसानों के नाम नहीं जोड़े जाने के बारे में पूछे जाने पर कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि चूंकि राज्यों का भी विषय रहता है तो इससे संबंधित सभी निर्णयों में क्रियान्वयन की शक्ति राज्य सरकारों के पास होती है। बहुत से राज्यों में कुछ नाम छूट भी गये थे। उन्होंने कहा कि विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान लगभग एक करोड़ किसानों के नाम प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि याेजना के अंतर्गत जोड़े गये हैं।
उन्होंने कहा, “मैं वचन देता हूं कि प्रत्येक पात्र किसान का नाम जोड़ा जाएगा और योजना का लाभ दिया जाएगा।”