मुंबई। वैश्विक बाजार के कमजोर रुख से बीते सप्ताह गिरावट पर रहे घरेलू शेयर बाजार पर फेड रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल के जैक्सन होल बैठक में महंगाई की ऊंची दर को ध्यान में रखते हुए ब्याज दर में बढ़ोतरी किये जाने के संकेत का अगले सप्ताह बाजार पर असर रहेगा।
बीते सप्ताह बीएसई का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 62.15 अंक अर्थात् 0.1 प्रतिशत की मामूली गिरावट लेकर सप्ताहांत पर 64886.51 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 44.35 अंक यानी 0.22 प्रतिशत टूटकर 19265.80 अंक पर आ गया।
वहीं, समीक्षाधीन सप्ताह में दिग्गज कंपनियों के विपरीत बीएसई की मझौली और छोटी कंपनियों में जबरदस्त लिवाली हुई, जिसने बाजार और अधिक गिरने से बचाया। बीते सप्ताह मिडकैप 452.59 अंक अर्थात 1.5 प्रतिशत की तेजी लेकर सप्ताहांत पर 30717.91 अंक और स्मॉलकैप 772.63 अंक यानी 2.2 प्रतिशत की छलांग लगाकर 36055.96 अंक पर पहुंच गया।
विश्लेषकों के अनुसार, निवेशकों के जैक्सन होल बैठक के नतीजे को लेकर सतर्कता बरतने से घरेलू बाजार में एक और सप्ताह नुकसान का रहा। निवेशकों को ब्याज दरों में बढ़ोतरी की भविष्य की संभावनाओं का आकलन करने के लिए फेड अध्यक्ष पॉवेल के वक्तव्य का उत्सुकता से इंतजार था। शुक्रवार को देर शाम बैठक के बाद पॉवले ने कहा कि महंगाई की ऊंची दर को नियंत्रित करने के लिए आगे भी सावधानीपूर्वक ब्याज दरों में बढ़ोतरी किये जाने की जरूरत है। अगले सप्ताह उनके वक्तव्य का बाजार पर सीधा असर देखा जा सकेगा।
इसके साथ ही रिजर्व बैंक (आरबीआई) की हाल की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) बैठक के मिनट्स में बढ़ी हुई घरेलू मुद्रास्फीति के बीच लक्ष्य सीमा के भीतर महंगाई को प्रबंधित करने की प्रतिबद्धता दोहराई गई। हालांकि मौजूदा उच्च मुद्रास्फीति स्तरों की अस्थायी प्रकृति के कारण नीतिगत दरों में आसन्न वृद्धि की उम्मीद कम है। अगले सप्ताह बाजार को दिशा देने में इन सभी कारकों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।