Monday, November 25, 2024

मुज़फ्फरनगर में परमधाम न्यास की गौशाला में लगी आग, कई गौवंश जिंदा जले

मोरना। गंगा खादर में स्थित परमधाम न्यास की अस्थाई गौशाला में भयंकर आग लगने से चार बछडों की बुरी तरह झुलसने से दर्दनाक मौत हो गयी। धधकती आग में जलते गौवंश को बचाने के प्रयास में एक गौ सेवक भी झुलस गया।

शोर शराबा सुनकर आये ग्रामीणों द्वारा काफी प्रयास के बाद आग को बुझाया गया, परन्तु तब तक चार गौवंश आग में झुलसकर दम तोड़ चुके है। मौके पर पहुंचे परमधाम के अनुयायियों ने जमकर हंगामा किया। हिंद मज़दूर किसान समिति के सदस्य ने भूमाफियाओं पर जंगल मे आग लगाने का आरोप लगाया है।

गंगा खादर क्षेत्र में लगभग 12 वर्ष पूर्व  गौवंश के लिए अस्थाई गौशाला का निर्माण किया गया था। बरसात के मौसम में गौवंश को उक्त अस्थाई गौशाला से शुकतीर्थ ले जाया जाता है बाकी मौसम में प्रत्येक वर्ष अस्थायी गौशाला का निर्माण कर गौवंश के लिए चारे आदि की व्यवस्था परमधाम न्यास के द्वारा की जाती है।

इस समय यह अस्थाई गौशाला लगभग 400 गौवंश का आश्रय स्थल बनी हुई है। गुरुवार को इस अस्थाई गौशाला की झोपड़ी में भयंकर आग लग गई, जिससे चार गौवंश बुरी तरह झुलस गए और दम तोड़ दिया।

मोरना निवासी रामकेश ने बताया कि बिहारगढ़ से आगे गंगा नदी के किनारे पर परमधाम की गौशाला की झोपड़ी में आग लगने से वहाँ मौजूद चार बछडों की झुलसकर मौत हो गयी। आग बुझाने के दौरान गौ सेवा करने वाला उसका पुत्र वंश भी झुलसकर घायल हो गया। शोर-शराबा सुनकर आये ग्रामीणों ने घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया।

परमधाम न्यास की गौशाला में आग लगने के बाद चार गौवंश की मौत की सूचना पाकर परमधाम के अनुयाई मौके पर पहुंचे और हंगामा करना शुरू कर दिया।
मौके पर पहुंचे हिंद मजदूर किसान समिति के सदस्य उपेंद्र ने बताया कि गंगा खादर क्षेत्र में भूमाफिया द्वारा अवैध कब्जे करके फसल बोई गई थी जिस पर आजकल वन विभाग की कार्यवाही चल रही है। उपेंद्र ने आरोप लगाया कि गुस्साए भू माफियाओं ने जंगल में आग लगा दी जिससे आग झोपड़ी तक जा पहुंची और गोवंश की जलकर मौत हो गई।
योगी सरकार में इस स्थान पर गोवंश के तड़फ तड़फ कर मरने का यह पहला मामला नहीं है। चार वर्ष पहले 18 फरवरी 2019 को इसी स्थान पर लगभग सैकड़ों गायों ने दम तोड़ दिया था।

स्थानीय लोगों की सूचना के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया था। आनन-फानन में  प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा था।  बाद में मामला सर्दी से हुई मौत का बताकर मामले से पल्ला झाड़ लिया गया था एक बार फिर गोवंश की मौत ने स्थानीय ग्रामीणों को उस घटना की याद दिला दी है।

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