मेरठ। साइबर ठगी के मामलों पर शिकंजा कसते हुए मेरठ पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। साइबर ठगों को बैंक खातों की डिटेल उपलब्ध कराने वाले पांच आरोपियों को साइबर क्राइम थाना एनआईटी की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। ये सभी आरोपी ठगों के लिए फर्जी बैंक खाते उपलब्ध कराते थे, जिनका इस्तेमाल लाखों की ऑनलाइन ठगी में किया गया।
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गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान मेरठ के निवासी विशाल, अंकित, प्रेमपाल, दुष्यंत और प्रशांत के रूप में हुई है। पूछताछ में सामने आया कि अंकित और प्रशांत स्पोर्ट्स का सामान बेचने का व्यवसाय करते हैं, प्रेमपाल दवाइयों की सप्लाई करता है, जबकि विशाल और दुष्यंत वर्तमान में बेरोजगार हैं। सभी आरोपी मिलकर साइबर अपराधियों को बैंक खाते बेचते थे, जिनका इस्तेमाल ठगी में किया जाता था।
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पुलिस प्रवक्ता यशपाल सिंह ने बताया कि आरोपियों को तीन दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है और उनसे गहन पूछताछ की जा रही है। यह गिरफ्तारी एक शिकायत के आधार पर की गई, जिसमें सेक्टर-21सी निवासी एक व्यक्ति ने आरोप लगाया था कि ठगों ने उसे झूठे केस में फंसाने और गिरफ्तारी का डर दिखाकर 77 लाख रुपये की ठगी की थी। ठगों ने कहा था कि “आपका नाम एक साइबर अपराध केस में आ गया है, यदि इससे नाम हटवाना चाहते हैं तो रुपये ट्रांसफर करो।”
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जांच के दौरान पुलिस ने डिजिटल ट्रेसिंग के जरिए इन पांचों आरोपियों को चिह्नित कर गिरफ्तार किया। ठगी से जुड़े बैंक खातों की जानकारी भी जुटाई जा रही है और पूरे गिरोह की शृंखला को खंगाला जा रहा है।
पुलिस का कहना है कि यह मामला साइबर अपराध की नई रणनीतियों को उजागर करता है, जिसमें बेरोजगार या छोटे व्यवसाय करने वाले लोग गिरोह का हिस्सा बनकर फर्जी खातों की आपूर्ति करते हैं।
पुलिस ने लोगों से अपील की है कि किसी भी अनजान कॉल या धमकी भरे मैसेज पर भरोसा न करें और तुरंत नजदीकी साइबर क्राइम थाना या हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज कराएं।