Friday, November 22, 2024

महिलाओं के पांच अनोखे गुण

यूं तो महिलाओं को प्रकृति-प्रदत्त अनेक गुण होते हैं लेकिन इस लेख में महिलाओं के पांच प्रमुख गुणों की चर्चा की जा रही है जो अधिकांश नारियों में पाये जाते हैं। पहला, आंसू बहाना, दूसरा, बहुत ज्यादा डरना, तीसरा, ईर्ष्या करना, चौथा, बकबक करना और पांचवां, सौन्दर्य प्रेमी होना।

महिलाओं का सबसे प्रमुख गुण है, आंसू बहाना। महिलाएं बहुत भावुक होती हैं। जरा सी भी तकलीफ हुई नहीं कि आंसू बहाना शुरू कर देती हैं। महिलाएं आंसुओं के द्वारा पत्थर दिल आदमी को भी पिघला देती हैं। इस तरह आंसू महिलाओं का सबसे कारगर हथियार है। महिलाएं प्राय: इसी का प्रयोग करती हैं।

दूसरा, महिलाएं बहुत ज्यादा डरपोक होती हैं। प्राय: महिलाएं छिपकली, तिलचट्टे, चूहे आदि से बहुत डरती हैं। इसके अलावा अंधेरे से, अकेलेपन से और कभी-कभी अपनी परछाईं तक से डर जाती हैं। हो सके तो वे कभी भी अकेले जाने की कोशिश नहीं करती।

तीसरा, महिलाएं जबरदस्त ईर्ष्या होती हैं। महिलाएं सबसे ज्यादा ईर्ष्या अपने पास-पड़ोसियों से करती हैं। जब भी किसी पड़ोसी के यहां कोई नई चीज जैसे फ्रिज, टीवी, स्कूटर, कार आदि आ जाती हैं तो वे भी चाहती हैं कि उनके पास भी वही चीज हो बल्कि उससे कहीं बढ़कर हो। इसके अलावा वे किसी भी महिला से जबरदस्ती ईर्ष्या करती हैं। इसका उदाहरण सास-बहू के रूप में है।

चौथा, महिलाएं बक-बक बहुत करती हैं। पता नहीं कब से यह गुण महिलाओं में व्याप्त है। जहां वे एक से दो हो गई तो समझ जाइए अब वे चुपचाप नहीं रहेंगी। महिलाओं के पेट में कोई बात नहीं पचती, अत: पुरूषों को चाहिए कि राज की बात महिलाओं को न बताएं। जहां चार महिलाएं जमा हों और वे चुप रहें तो यह दुनिया की सबसे बड़ी गप मानी जाएगी।
पांचवां गुण है, महिलाएं प्राय: श्रृंगार व सौन्दर्य प्रेमी होती हैं। महिलाएं हमेशा सुंदर-आकर्षक जवान दिखने का प्रयत्न करती रहती हैं। किसी भी महिला को अपनी उम्र कम बताने में एक अजीब सा संतोष मिलता है।

यदि हम गौर करें तो पाएंगे कि बाजार में महिलाओं की ही श्रृंगार-प्रसाधन की सामग्री भरी पड़ी है जैसे-साबुन, क्रीम, तेल, बॉडी लोशन, लिपिस्टिक, काजल, चूड़ी, पायल आदि। कपड़ों का तो कहना ही नहीं है।
इस तरह प्रत्येक महिला के जीवन में ये पांच गुण अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। विश्व की अधिकांश देशों की नारियों में ये गुण पाये जाते हैं लेकिन भारत की नारियों में ये कुछ अधिक ही हैं।
– श्रीकान्त गुडिय़ा

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,306FansLike
5,466FollowersFollow
131,499SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय