Saturday, May 18, 2024

विदेशी कंपनियों ने विमान के पुर्जे बनाने के लिए यमुना अथॉरिटी से की जमीन की मांग

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ग्रेटर नोएडा। जेवर में बना रहे एयरपोर्ट को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नयाल) एविएशन हब के रूप में विकसित करेगा। इसके लिए विमान से जुड़े अलग-अलग कंपनियों को यहां लाने की कवायद की जा रही है।

इसमें सबसे पहले हवाई जहाज के पुर्जे बनाने वाली कंपनियों को योजना के तहत 1000 एकड़ भूमि पर विकसित किया जाएगा। इसके बाद मेंटेनेंस रिपेयरिंग एंड ओवरहोलिंग की योजना (एमआरओ) रनवे के पास हो होगी। सिंगापुर और दुबई समेत 16 विदेशी कंपनियों ने नयाल से संपर्क करते हुए जमीन की मांग की है।

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अभी तक भारत को दूसरे देशों में विमान की मरम्मत करानी पड़ती है। 2026 तक भारत के पास 1666 विमान हो जाएंगे। इनकी मरम्मत करने के लिए यदि विदेश में जाना पड़े तो करीब 15 हजार करोड रुपए खर्च होंगे। अब यह राशि बचाई जा सकेगी और दूसरे देशों से जो विमान आएंगे उनसे भी करीब 70 से 80 हजार करोड रुपए के निवेश की उम्मीद है।

नयाल की योजना है कि एमआरओ हब को 80 एकड़ में विकसित किया जाए और उसके लिए एक डेडीकेटेड रनवे भी बनाया जाएगा। हवाई जहाज के पार्ट्स बनाने वाली कंपनियों को भी यहां स्थापित किया जाएगा। मरम्मत के दौरान जिन पार्ट्स की जरूरत होगी उसके लिए विदेश नहीं जाना पड़ेगा। हब को विकसित करने के लिए नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड अगले माह तक योजना ले आएगा।

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