वाराणसी। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में मंगला आरती, सुगम दर्शन और सप्तऋषि आरती का फर्जी टिकट बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। मंदिर प्रशासन की शिकायत पर चौक पुलिस ने बुधवार को तीन आरोपितों को हिरासत में लिया।
मंदिर परिसर में टिकट स्कैनिंग के दौरान मंगलवार शाम को दक्षिण भारतीय श्रद्धालुओं के पास से फर्जी टिकट बरामद हुआ। पूछताछ में श्रद्धालुओं ने बताया कि कैंट रेलवे स्टेशन पर बने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के हेल्प डेस्क से मंगला आरती का टिकट लिया था। इसके बाद मंदिर के आईटी विशेषज्ञों ने नया एप्लीकेशन बनाकर गोपनीय तरीके से इसकी जांच की तो फर्जी टिकट का मामला सामने आया।
मंदिर प्रशासन के अनुसार बीते कुछ दिनों से मंदिर के अधिकारियों को फर्जी टिकट से दर्शन कराने के मामले की जानकारी मिल रही थी, लेकिन ऑनलाइन ऑफलाइन दोनों तरह के टिकट होने की वजह से यह पकड़ पाना मुश्किल हो रहा था। इसके लिए मंदिर प्रशासन एवं डीसीपी सुरक्षा की टीम ने संयुक्त प्रयास कर इस फर्जीवाड़े को पकड़ा।
मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा के अनुसार आईटी विशेषज्ञों की मदद से मंदिर प्रशासन ने एक गोपनीय सिक्योरिटी ऐप तैयार कराया, जिससे एक टिकट को एक बार ही उपयोग किया जा सकता है। इस ऐप की जानकारी गोपनीय रखी गई। केवल गेट पर तैनात कर्मचारी को ही उस ऐप को लॉगिन करके दिया जाता था। कुछ दिन पहले ही जारी हुए इस एप्लीकेशन से मंगलवार को कुछ टिकट प्राप्त हुए, जिसमें एक ही टिकट को एक ही समय में अलग-अलग प्रवेश द्वारों से दर्शनाथियों को दलालों के माध्यम से प्रवेश कराया जा रहा था। जब मामले की जानकारी की गई तब मंदिर के अगल-बगल के दुकानदार और दलालों द्वारा टिकट को एडिट करके उसको ओरिजिनल टिकट में तब्दील किया जा रहा था। साथ ही ग्राहकों को अलग-अलग प्रवेश द्वारों से मंदिर के अंदर प्रवेश दिया जा रहा था।
मंदिर के सीईओ के अनुसार इस एप्लीकेशन की खासियत यह है कि एक बार कोई टिकट एक जगह स्कैन हो गया तो दूसरी दूसरे प्रवेश द्वार पर उसे इन वैलिड टिकट बताने लगेगा। उन्होंने बताया कि मंदिर के हेल्पडेस्क प्रभारी ने चौक थाने में खोवा गली निवासी शुभम पांडेय पुत्र जयप्रकाश पांडेय, बड़ी पटिया थाना भेलूपुर निवासी अरुण पांडेय पुत्र महंत पांडेय, शिवाला भेलूपूर निवासी इरफान हैदर, सोनारपुरा निवासी शुभम अधिकारी के खिलाफ तहरीर दी है। पुलिस को जांच सौंपी गई है। इसमें हेल्प डेस्क के एक आउटसोर्सिंग वर्कर के संलिप्तता की भी जांच करायी जा रही है। इस मामले में और भी दलालों एवं दुकानदारों के शामिल होने की आशंका है। जांच में जितने लोग आरोपित होंगे, उनके खिलाफ सख्त विधिक कार्रवाई की जाएगी। इस फ्रॉड की जानकारी मंडलायुक्त, पुलिस कमिश्नर, जिलाधिकारी सहित अन्य अधिकारियों को दी गई है।
पुलिस अफसरों के अनुसार हिरासत में लिए गए आरोपितों ने बताया कि सप्तऋषि आरती के जो टिकट नहीं बिकते थे, कंप्यूटर से उसका दिनांक, नंबर और तारीख बदल कर दूसरे श्रद्धालुओं को बेच देते थे। हिरासत में लिए गए आरोपितों में शुभम पांडेय, अरुण पांडेय और इरफान हैं। शुभम पांडेय मंदिर के हेल्प डेस्क पर तैनात हैं। फरार आरोपित का नाम भी शुभम है।