मुजफ्फरनगर । स्कूल डिजिटल स्किल प्रोग्राम के अंतर्गत एक वर्कशॉप का आयोजन डॉ0 प्रभात कुमार सेवानिवृत्त, उमेश मिश्रा जिलाधिकारी, संदीप भागिया मुख्य विकास अधिकारी के निर्देशन में नगर के एक कॉलेज के ऑडिटोरियम में कराया गया, जिसमें बेसिक शिक्षा परिषद के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित प्राइमरी तथा जूनियर हाईस्कूलों में अध्यनरत छात्र-छात्राओं को डिजिटल साक्षर बनाने के संबंध में जयंत चौधरी, कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार एवं शिक्षा राज्यमंत्री भारत सरकार द्वारा प्रारंभ की जाने वाली योजनाओं- स्कूल डिजिटल लिटरेसी प्रोगाम के संबंध में जानकारी दी गई। उक्त कार्यक्रम में जनपद के समस्त ग्रामीण विकास खण्डों में 10-10 ऐसे स्कूलों का चयन किया जाना प्रस्तावित है, जहां कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों की संख्या कम से कम 100 या इससे अधिक हो तथा वहां डिजिटल लैब बनाने के लिए पर्याप्त/उपयुक्त स्थल हो। साथ ही वहां पर इंटरनेट की सुविधा एवं बेसिक फैसिलिटी भी हो तथा एक या दो अध्यापक ऐसे हों जिन्हें डिजिटल लिटरेसी की ट्रेनिंग देकर पढ़ाने के लिए योग्य बनाया जा सके, ऐसे अध्यापकों को जानकारी उपलब्ध कराई गई। मुख्य विकास अधिकारी संदीप भागिया द्वारा विभिन्न विद्यालयों से आए प्रधानाध्यापको को कंप्यूटर एवं कंप्यूटर शिक्षा के विषय में विस्तार से जानकारी दी गई।
मयंक भटनागर नेशनल हेड स्टेट इंगेजमेंट एनएसडीसी और अभिलाषा गौड CEO-IT-ITes SSC द्वारा स्कूल डिजिटल लिटरेसी प्रोगाम/कंप्यूटर लैब की स्थापना के संबंध में प्रधानाध्यापक, इंचार्ज अध्यापक एवं शिक्षकों विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि अध्यापकों को डिजिटल लिटरेसी की ट्रेनिंग देकर कंप्यूटर शिक्षण देने योग्य बनाया जाएगा।
जिलाधिकारी द्वारा उपस्थित प्रधानाध्यापक, इंचार्ज अध्यापकों एवं शिक्षकों को संबोधित करते हुए बताया गया कि जिस कार्य की शुरुआत बेहतर होती है उसका अंजाम भी बेहतर होता है, हम सौभाग्यशाली हैं कि हमें शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने का मौका विधाता ने दिया है, उन्होंने कहा कि शिक्षकों का सम्मान सर्वोपरि होगा। प्रयास करना होगा कि अपने स्कूलों को इतना बेहतर बनाएं की बड़े-बड़े पब्लिक स्कूलों से इनकी तुलना की जा सके। यह भी बताया कि बच्चों और उनके अभिभावको को मोटिवेट करें कि बच्चे साफ सुथरे कपड़े पहनकर स्कूल आएं, उनकी प्रशंसा की जाए। बच्चों में यह भाव पैदा किया जाए कि वह समय से स्कूल आएं बच्चों की शत प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित कराई जाए। महोदय द्वारा शिक्षकों को प्रेरित किया गया कि अपने परिषदीय विद्यालयों को इतना बेहतर बनाएं कि लोग उनसे प्रेरणा लें, विधाता ने आप लोगों को इतना बड़ा कार्य दिया है कि आपके द्वारा लोगों का भविष्य बना रहे हैं। जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि हम भविष्य में पुरातन छात्रों का सम्मेलन कार्यक्रम आयोजित करने जा रहे हैं, जो लोग परिषदीय स्कूलों से शिक्षा ग्रहण कर विभिन्न विभागों/सरकारी कार्यालयों में सेवारत हैं उनको विद्यालय में बुलाकर उनका माल्यार्पण करके स्वागत किया जाएगा और बच्चों को बताएंगे कि अमुक व्यक्तित्व द्वारा इसी विद्यालय में शिक्षा ग्रहण की गई है और यहां से शिक्षा प्राप्त करने के उपरांत ही आगे बढ़े है, इससे हमारे बच्चों को प्रेरणा मिलेगी।
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डॉ प्रभात कुमार आईएएस (सेवानिवृत्त) ने बताया कि इस स्कीम के लिए अभी जनपद के 100 स्कूलों का चयन किया गया है जिनमें दो-दो कंप्यूटर उपलब्ध कराए जाएंगे। और आगे और भी स्कूलों का चयन करके डिजिटल लाइब्रेरी संचालित कराई जाएगी। टीम के द्वारा स्थलीय सत्यापन कर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जहां पर कंप्यूटर स्थापित किया जाना है वहां पर्याप्त स्थान उपलब्ध है, कुछ ही दिनों में कंप्यूटर लैब की स्थापना कर दी जाएगी। उनके द्वारा बताया गया कि फर्म के सीईओ के साथ साथ जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भी इसकी मॉनिटरिंग करेंगे और अपने करिकुलम में यह अवश्य करें कि बच्चों को सप्ताह में दो पीरियड कंप्यूटर लैब में पढ़ने के लिए दिए जाएं। आवश्यकता के अनुसार कंप्यूटर लैब का विस्तार किया जाएगा कंप्यूटर शिक्षा से बच्चों व शिक्षकों को उद्यमी बनने के लिए भी प्रेरणा मिलेगी।
कार्यक्रम के अंत में संदीप कुमार जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सभी का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में डिस्ट्रिक्ट को-ऑर्डिनेटर सुशील कुमार, अंकुर कुमार व कंप्यूटर ऑपरेटर अंकित कुमार उपस्थित रहे।