मेरठ। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या तीन एवं एमपी/एमएलए कोर्ट ने 12 साल बाद सिपाही चहन सिंह को थप्पड़ मारने के मामले में पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी पर चार हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। आइपीसी की धारा 504, 506 (जान से मारने की धमकी) का आरोपित माना गया। इनमें जुर्माने की रकम अदा नहीं करने पर एक महीने की सजा का प्रविधान है।
हालांकि 333 और 323 आइपीसी में साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया है। (323 : जानबूझ कर किसी को स्वेच्छा से चोट पहुंचाना, 333 : लोक सेवक को अपने कर्तव्य के निर्वहन करने से रोकना) हाजी याकूब कुरैशी पर 17 फरवरी 2011 को सिपाही चहन सिंह को थप्पड़ मारने पर मुकदमा दर्ज किया गया था। सिपाही ने एफआइआर में बताया था कि उस दिन वह अपने एसओ और अन्य साथियों के साथ हापुड़ अड्डे पर ड्यूटी पर तैनात था।
रविदास जयंती के जुलूस के कारण हापुड़ अड्डे से भूमिया पुल की ओर जाने वाले वाहनों को डायवर्ट कर दिया गया था। उसी समय याकूब अपने सर्मथकों के साथ वहां पहुंचे। सिपाही ने उनका काफिला रोक दिया। इस पर आक्रोशित याकूब ने उसे थप्पड़ मार दिया। इंसाफ नहीं मिलने पर चहन सिंह ने पुलिस से इस्तीफा दे दिया था।
याकूब के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर एक मार्च 2011 को थाना लिसाड़ी गेट में आइपीसी की धारा 323, 333, 504, 506 व सेवन क्रिमिनल एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने सेवन क्रिमिनल एक्ट को मुकदमे से निकालकर आरोप पत्र लगा दिया। 12 साल बाद कोर्ट ने मुकदमे में याकूब को सजा सुना दी है। याकूब के खिलाफ जान से मारने की धमकी देने का आरोप सिद्ध होने पर चार हजार का जुर्माना लगाया गया। याकूब वर्तमान में गैंगस्टर मामले में सोनभद्र जेल में बंद है।