नोएडा। एमिटी विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ हॉस्पीटैलिटी एंड टूरिस्म द्वारा इंटरनेशनल टूरिस्म स्टडीज एसोसिएशन और यूनाईटेड नेंशन्स टूरिस्म के सहयोग से ‘पर्यटन ज्ञान और अभ्यास में अंतराल को कम करना-सतत विकास, पुनर्योजी पर्यटन, डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र और हरित निवेश’ नामक विषय पर शुक्रवार को त्रिदिवसीय अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन का शुभारंभ भारत सरकार के केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा. अशोक कुमार चौहान, हिमाचल प्रदेश सेंट्रल विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो. एसपी बंसल, एमिटी विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर डा. बलविंदर शुक्ला, इंटरनेशनल टूरिस्म स्टडीज एसोसिएशन की अध्यक्ष प्रो. सिने वैल जिल, यूनाईटेड नेंशन्स टूरिस्म के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर डा. ओमार वाल्डेज,, महाराजा रीवा और एचएचएमसीटी एचएचआर ग्रुप ऑफ होटल्स के चेयरमैन पुष्पराज सिंह, एमिटी साइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा. डब्लू सेल्वामूर्ती और एमिटी विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ हॉस्पीटैलिटी एंड टूरिस्म की डीन डा. मनोहर सजनानी द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।
सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि एमिटी में आयोजित इस अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन के महाकुंभ से देश में दो बृहद महाकुंभों का आयोजन हो रहा है। हजारों वर्ष पूर्व जब विश्व के कई देश पनप रहे थे उस वक्त भी भारत की संस्कृति अन्य देशों के मुकाबले काफी समृद्ध थी और भारत, ज्ञान, कला, स्थापत्य हस्तशिल्प, व्यापार का केन्द्र बिंदु था। कई पुस्तकों द्वारा यह भी सिद्ध है कि भारत को कौतुहल से देखने, ज्ञान प्राप्त करने के लिए बड़ी संख्या में अन्य देश के लोग यहां आते थे। आज भारत अपार संभवनाओं के द्वार पर खड़ा है और सांस्कृतिक सौभाग्य का सूर्य उदय हो रहा है। उन्होंने कहा कि विश्व के लोग भारत को जानना, समझना, यहां से सीखना चाहते है। जिसके लिए पर्यटन के क्षेत्र में उभरती नई चुनौतियों को निवारण कर अवसरों को प्राप्त करना होगा।
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गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि कोविड के उपरांत पर्यटन और आतिथ्य सत्कार उद्योग ने नये आयाम स्थापित किये है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश को एकसाथ विकसित भारत बनाने के लिए मिलकर कार्य किया जा रहा है। जिसमें लगभग डेढ़ लाख किमी सड़कों का निर्माण, नये हवाई अड़्डों का निर्माण, हाई स्पीड ट्रेन आदि ने टूरिस्म इन्फास्ट्रक्चर को विकसित किया है। उन्होंने कहा कि विश्व की भारत को जानने की उत्सुकता, समृद्व होता मध्यमवर्ग और बढ़ती सुलभ संरचना ने पर्यटन क्षेत्र में अपार संभवनाओं के द्वारा खोल दिये है। भारत का पर्यटन और आतिथ्य सत्कार उद्योग देश की अर्थव्यस्था में लगभग 10 प्रतिशत की हिस्सेदारी कर रहा है। कृषि के उपरांत पर्यटन सबसे अधिक रोजगार प्रदान करने वाला क्षेत्र है। भारत केवल पर्यटन क्षेत्र ही नहीं बल्कि विश्व के लिए सबसे बड़ा बाजार बन रहा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा नये पर्यटन स्थल, पर्यटन उत्पाद जो सतत विकास में सहायक हो उनको विकसित करने के लिए राज्य सरकारों की सहायता की जा रही है। यह सम्मेलन विश्व पर्यटन क्षेत्र के लिए नया मार्ग प्रशस्त करेगा।
डा अशोक कुमार चौहान ने कहा कि यह सम्मेलन युवा छात्र जो कल पर्यटन एंव आतिथ्य सत्कार के क्षेत्र में सफल व्यवसायिक बनेगे उनके विकास मे महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। उन्होने कहा कि आज भारत, पर्यटन सहित सभी क्षेत्रों में विश्व का नेतृत्व कर रहा है। ऐसे में देश को पर्यटन क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए सभी हितधारको का सहयोग आवश्यक है।
इस अवसर पर मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, डा. बलविंदर शुक्ला, डा. डब्लू सेल्वामूर्ती द्वारा नेशनल टूरिस्म एक्सपो का शुभांरभ किया गया। जिसमें कुल 26 स्टाल भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित कर रहे है और साथ ही भारत को सभी मौसमों में पर्यटन स्थल के रूप में पेश कर रहे है।